जहां गर्भवती महिलाओं को एंबुलेंस द्वारा प्रसव के लिए लाया जाता है. किंतु कभी-कभी तो निजी वाहन इस कदर अस्पताल परिसर में लगे रहते हैं कि कुछ देर के लिए एंबुलेंस को इंतजार करना पड़ता है. सूत्रों की माने तो कई ऐसे लोगों का वाहन भी अस्पताल परिसर में लगा रहता है, जो मुंगेर बाजार करने आये हुए रहते हैं. भीड़-भाड़ से बचने के लिए वे अपने वाहनों को महिला वार्ड परिसर में ही खड़ा कर बाजार करने चले जाते हैं.
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एंबुलेंस की जगह बाइक
मुंगेर: सदर अस्पताल का सबसे महत्वपूर्ण वार्ड इमरजेंसी वार्ड है. जहां 24 घंटे गंभीर मरीजों का आना-जाना लगा रहता है. अधिकांश मरीजों को तो यहां एंबुलेंस से ही लाना पड़ता है. किंतु इमरजेंसी वार्ड के समीप दो पहिये वाहनों की लगी कतार के कारण एंबुलेंस को थोड़ी दूर पर ही खड़ा करना पड़ता है. जहां […]
मुंगेर: सदर अस्पताल का सबसे महत्वपूर्ण वार्ड इमरजेंसी वार्ड है. जहां 24 घंटे गंभीर मरीजों का आना-जाना लगा रहता है. अधिकांश मरीजों को तो यहां एंबुलेंस से ही लाना पड़ता है. किंतु इमरजेंसी वार्ड के समीप दो पहिये वाहनों की लगी कतार के कारण एंबुलेंस को थोड़ी दूर पर ही खड़ा करना पड़ता है. जहां से मरीज को टांग कर बेड तक ले जाना पड़ता है.
महिला वार्ड बना चार पहिया वाहन स्टैंड : सदर अस्पताल का महिला वार्ड इन दिनों चार पहिया वाहनों का स्टैंड बन गया है. जहां चार पहिया वाहनों की कतार लगी रहती है. मालूम हो कि महिला वार्ड परिसर में ही प्रसव केंद्र भी है.
अस्पताल परिसर में निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक है. इसके लिए पूर्व से ही आदेश दिया जा चुका है. यदि अस्पताल परिसर में कोई भी निजी वाहन लगता है तो उसे बाहर करवाना सुरक्षा गार्डो की जिम्मेवारी है.
डॉ राकेश कुमार सिन्हा , अस्पताल उपाधीक्षक
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