फोटो संख्या : 25 फोटो कैप्सन : आग में धू-धू कर जलता फसल प्रतिनिधि : तारापुर भी कहा जाता था ‘ उत्तम खेती, अधम चाकरी ‘ लेकिन आज स्थिति बिल्कुल विपरीत हो गयी है और खेती घाटे का सौदा बन कर रह गया है. जिसकी वजह से किसान जहां खेती छोड़ने को मजबूर है, वहीं दूसरी ओर असमय ओलावृष्टि ने रही सही कसर को पूरी कर दी. खेत को देख कभी किसान आत्म हत्या को सोचते है तो कभी कुछ करने को. फसल की बरबादी के सदमे को झेल नहीं पा रहे है और खेत में बची-खुची फसल को भी आग के हवाले कर रहे है. जमीन में जला दी फसल तारापुर प्रखंड के बिहमा पंचायत के धनपुरा गांव के किसान प्रमोद सिंह एवं भोला सिंह ने अपने तीन बीघा जमीन में लगी गेहूं की फसल को आग के हवाले कर दिया. किसानों का कहना था कि असमय ओला वृष्टि एवं बारिश के कारण खेत में लगी गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी है. जिसके कारण खेत में लगे गेहूं के फसल काटने के लिए कटनिया नहीं मिल रही है. जिसके कारण मजबूरन खेत में ही फसल को जलाना पड़ा. क्योंकि फसल में दाना नहीं के ही बराबर था. किसानों ने बताया कि महाजन से बतौर सूद पर कर्ज लेकर खेती किया था. लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने सब कुछ खत्म कर दिया. क्या कर रही है सरकार वर्ष 2002 में एनडीए सरकार ने विजन 2020 तैयार किया था. जिसके तहत सकल घरेलू उत्पाद में कृषि के योगदान को घटा कर 6 फिसदी कर देने का लक्ष्य था. यूपीए सरकार ने इसी नजरिये को अपनाया. जिसके सबब खेती अब घाटे का सौदा बन कर रह गया है.
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फसल नुकसान को बरदाश्त नहीं कर पाये किसान, खेत में लगायी आग
फोटो संख्या : 25 फोटो कैप्सन : आग में धू-धू कर जलता फसल प्रतिनिधि : तारापुर भी कहा जाता था ‘ उत्तम खेती, अधम चाकरी ‘ लेकिन आज स्थिति बिल्कुल विपरीत हो गयी है और खेती घाटे का सौदा बन कर रह गया है. जिसकी वजह से किसान जहां खेती छोड़ने को मजबूर है, वहीं […]
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