गंगा रेल सह सड़क पुल : भूमि अधिग्रहण के लिए नहीं मिली है समुचित राशि
गंगा नदी पर मुंगेर में बन रहे रेल सह सड़क पुल के लिए अभी और इंतजार करना होगा. वर्ष 2002 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रारंभ इस राष्ट्रीय परियोजना का हश्र यह है कि गत वर्ष 2014 में इस पुल के एप्रोच पथ को राष्ट्रीय उच्च पथ घोषित किया गया और अब इस पथ के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ हुई है.
मुंगेर : मुंगेर रेल सह सड़क पुल का सपना कब साकार होगा यह बताने वाला कोई नहीं है. रेल अधिकारी से लेकर केंद्र व राज्य सरकार के मंत्री इस मामले पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं. पिछले दिनों गंगा पुल का निरीक्षण करने पहुंचे रेल राज्य मंत्री मनोज कुमार सिन्हा ने कहा था कि इस वर्ष पुल पर रेल परिचालन प्रारंभ हो जायेगा. जबकि राज्य सरकार के पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का कहना है कि यह संभव ही नहीं है.
क्योंकि रेल लाइन बिछाने के लिए बेगूसराय की ओर 18 किलोमीटर बांध बनाना है और इसमें जमीन अधिग्रहण भी किया जाना है. साथ ही रेलवे बांध बनाने के बाद उसे एक बरसात मिट्टी को बैठने के लिए छोड़ा जायेगा. फलत: इस वर्ष इस पुल से रेल परिचालन संभव नहीं है.
कहते हैं जिलाधिकारी
जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गंगा पुल के एप्रोच पथ को नेशनल हाइवे घोषित किया गया है और अब इसके लिए एनएचएआइ प्रावधान के अनुरूप भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. भूमि के चयन व अधिग्रहण की प्रक्रिया जिला भू-अजर्न विभाग द्वारा प्रारंभ कर दी गयी है. साथ ही इस मामले में जिला प्रशासन को समुचित राशि भी उपलब्ध नहीं हो पायी है.