मुंगेर:मुंगेर अवैध हथियार निर्माण एवं तस्करी के लिए प्रसिद्ध है.लेकिन अब मुंगेर अवैध कारतूस के मामले में भी चर्चित होने लगा है.क्योंकि हाल के वर्षों में लगातार भारी मात्रा में कारतूस पुलिस ने बरामद की.जिसके डब्बों पर इंडियन ऑडिनेंस फैक्ट्री लिखा हुआ है. कारतूस की बरामदगी कई सवालों को जन्म दे रही है. आखिर कैसे इंडियन ऑडिनेंस फैक्ट्री से कारतूस निकल कर मुंगेर तस्करों के पास पहुंच रहे हंै.
कारतूस की बरामदगी का मामला सुलझाना मुंगेर पुलिस के लिए एक पहेली बनती जा रहा है. मुफस्सिल थाना पुलिस ने मंगलवार की सुबह छापेमारी कर अवैध हथियार एवं 925 कारतूस के साथ मो. कमाल एवं उसके पुत्र मो. इम्तियाज को गिरफ्तार किया. इनके पास से जो कारतूस के सील पैक डब्बा मिला उस पर इंडियन ऑडिनेंस फैक्ट्री लिखा हुआ है. जो यह दर्शाता है कि मुंगेर में अवैध कारतूस का खेप बाहर से ही आ रहा है. पुलिस को शक है कि कहीं लाइसेंसी आर्म्स दुकानदार अथवा कोई सुरक्षा एजेंसी तो इस कारोबार में नहीं जुटा हुआ है. जो इन तस्करों को सील पैक कारतूस मुहैया कराता है. नवंबर 2012 में भी कासिम बाजार थाना पुलिस ने बिंदवारा निवासी अशोक सिंह को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से 4 सौ जिंदा कारतूस बरामद किया गया. वर्ष 2010 में मुंगेर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक टवेरा वाहन को हेरुदियारा के समीप पकड़ा. जिस पर एक महिला भी बच्चे के साथ सवार थी. पुलिस कई दिनों तक वाहन में कारतूस खोजती रही लेकिन वह नहीं मिला. जिस सेंकी नाम युवक को पुलिस पकड़ा था उसे भी कारतूस नहीं मिलने पर छोड़ दिया गया था. लेकिन वाहन को जमालपुर थाना पर ही रख लिया गया था. चार दिनों के बाद एक एसआइ ने वाहन की सघन जांच की. वाहन के गेट व कई हिस्सों में ठोकने बाद उसे अजीबो -गरीब आवाज सुनाई दी. जब गेट व अन्य हिस्सों को मिस्त्री से खुलवाया गया तो उससे डब्बा बंद 4550 कारतूस बरामद हुई. बाद में पुलिस ने सेंकी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उसने बताया कि था कि दानापुर से कारतूस लेकर वह मुंगेर आ रहा था. विदित हो कि उसके पिता अरमान आजाद का शहर में आर्म्स का लाइसेंसी दुकान भी था. बावजूद दर्जनों बार कारतूस बरामद हुआ. लेकिन मुंगेर पुलिस आज तक यह पता नहीं लगा सकी की आखिर कैसे इतनी मात्रा में डब्बा बंद कारतूस मुंगेर पहुंच रहा है.