फोटो संख्या : 8फोटो कैप्सन : मुकेश कुमार प्रतिनिधि , मुंगेर लोग नौकरी पाने के लिए अपने परिवार को भी छोड़ देते हैं. लेकिन साधना के लिए नौकरी छोड़ देना कभी-कभी ही सुनने को मिलता है. ऐसा ही मामला सदर प्रखंड के सीताकुंड डीह में भी देखने को मिला जो अनवरत एक ही जगह स्थिर रह कर साधना में लीन हैं. सीताकुंड डीह निवासी ललन प्रसाद सिंह का पुत्र मुकेश कुमार वर्तमान समय में साधना में लीन है. वह 2000 में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने बड़े भाई रजनीश सिंह के पास मुंबई चला गया. वहां इन्होंने कंप्यूटर हार्डवेयर की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद गुवाहटी, दिल्ली, हरिद्वार सहित देश के विभिन्न स्थान पर जाकर नौकरी की. साथ ही वहां के तीर्थ स्थानों पर भी गये. जब वह मध्यप्रदेश के विलासपुर में था तो अचानक वह घर चला आया. इसके बाद लगातार 31 दिनों तक सुबह 7 बजे सुलतानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर साधना करनी शुरू कर दी. 31 दिनों के बाद वह घर के अंदर ही साधना करने लगा. वह सिर्फ सोमवार के दिन घर से बाहर होता और लोगों से मिलता-जुलता था. इसके बाद उन्होंने 108 शिवालयों में प्रसाद चढ़ाने का अनुष्ठान लिया. अबतक उन्होंने 100 शिवालय में प्रसाद चढ़ाने का काम कर लिया है. इसके बाद 8 शिवालयों में प्रसाद चढ़ाने के बाद मुकेश का अनुष्ठान पूरा हो जायेगा. तब जाकर ये कहीं बाहर घूमने निकलेंगे.
साधना के लिए छोड़ दी नौकरी : मुकेश बाबा
फोटो संख्या : 8फोटो कैप्सन : मुकेश कुमार प्रतिनिधि , मुंगेर लोग नौकरी पाने के लिए अपने परिवार को भी छोड़ देते हैं. लेकिन साधना के लिए नौकरी छोड़ देना कभी-कभी ही सुनने को मिलता है. ऐसा ही मामला सदर प्रखंड के सीताकुंड डीह में भी देखने को मिला जो अनवरत एक ही जगह स्थिर […]
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