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विद्यालय खुलने का समय सुबह 9 बजे, खुला 10 बजे

संग्रामपुर : सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लाख प्रयास कर ले लेकिन सरकारी विद्यालय की दशा सुधरने वाली नहीं है. शिक्षकों की मनमानी के कारण विद्यालयों में शिक्षा व ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो रही. सिर्फ डिग्रियां मिल रही है. गुरुवार को प्रखंड के झिकुली पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय चन्दनियॉ में ऐसा ही […]

संग्रामपुर : सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लाख प्रयास कर ले लेकिन सरकारी विद्यालय की दशा सुधरने वाली नहीं है. शिक्षकों की मनमानी के कारण विद्यालयों में शिक्षा व ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो रही.
सिर्फ डिग्रियां मिल रही है. गुरुवार को प्रखंड के झिकुली पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय चन्दनियॉ में ऐसा ही कुछ नजारा था. विद्यालय खुलने का निर्धारित समय प्रात: 9 बजे है. किंतु 10 बजे तक विद्यालय के गेट पर ताला लगा था. छात्रएं गेट खुलने का इंतजार कर रही थी. एक घंटा विलंब से प्रधानाध्यापक महोदय रमेश कुमार पहुंचे और विद्यालय के गेट का ताला खुला. उसी समय अरविंद कुमार सहायक शिक्षक भी पहुंचे.
छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के अंदर प्रवेश किया और पुन: गेट को बंद कर दिया गया. कुछ देर बाद 10:15 बजे एक अन्य शिक्षक पप्पू राम और शिक्षिका कंचन माला भी विद्यालय पहुंची. जैसे लग रहा था कि यह विद्यालय प्रात: 9 बजे नहीं बल्कि 10 बजे खुलना हो. इसी विद्यालय में प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर को भी टैग कर चलाया जा रहा है. उसकी शिक्षिका अनुराधा कुमारी 10:20 बजे विद्यालय आयी. जबकि 10:25 में शिक्षक शंकर यादव एवं 10:30 में सुमित्र कुमारी विद्यालय पहुंची.
कहते हैं प्रधानाध्यापक. प्रभारी प्रधानाध्यापक रमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि 21 जनवरी तक जिलाधिकारी के आदेश से विद्यालय की कक्षाएं बंद थी. इसलिए 22 जनवरी को थोड़ा विलंब हो गया. अरविंद कुमार ने बताया कि वे रोज समय पर आते है आज ही लेट आये हैं.
कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी. जिला शिक्षा पदाधिकारी केके शर्मा ने कहा कि विद्यालय प्रात: 9 बजे ही खुलना था. यदि एक घंटे विलंब से विद्यालय खोला गया है तो इसकी जांच डीपीओ करायेंगे और दोषी प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.
छात्राओं का आरोप
2014 में 9 वीं कक्षा में प्रवेश लेने वाली छात्र आरती कुमारी, निशा कुमारी, सोनी कुमारी, मोनिका कुमारी, गंगा कुमारी, मनिषा कुमारी, नीलू, डॉली, सुलोचना, काजल एवं छात्र शिवम राज आदि ने बताया कि इस विद्यालय के 8 वीं पास कर वे लोग टीसी लेना चाहते थे. उस समय टीसी नहीं देकर 9 वीं कक्षा में यहीं नाम लिखाने को मजबूर किया. अप्रैल 2014 में नामांकन के बाद से एक भी दिन पढ़ाई नहीं हुई है.
ऐसे में हमलोग बिना पढ़े ही परीक्षा में भाग लेने को विवश है. इनका आरोप था कि विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पोशाक राशि, छात्रवृत्ति या साइकिल राशि का वितरण राशि आने के बाद भी वितरण नहीं किया जा रहा है. वर्ग कक्ष है भी तो बैठने के लिए दरी दी जाती है.

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