मुंगेर. गंगोत्री के तत्वावधान में बंगाली टोला बेलन बाजार में एक साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित की गयी. उसकी अध्यक्षता प्रो. अवध किशोर सिंह ने की. मुख्य अतिथि प्रो. सुनील कुमार सिन्हा मौजूद थे. इस मौके पर डॉ शिवचंद्र प्रताप द्वारा लिखित व सद्य: प्रकाशित पुस्तक ” डॉ अंबेदकर एक प्रज्वलित प्रश्न चिह्न ” एवं ” दिव्य शंखनाद ” का विमोचन किया गया. उन्होंने कहा कि महामानव भारत रत्न डॉ अंबेदकर पर यह लघु पुस्तिका लिखना अनिवार्य हो गया. क्योंकि आज के सत्ता के बेशर्म सौदागरों ने वोट की खरीद-फरोख्त का बटखरा बना डाला है डॉ अंबेदकर को भी. मानवता के चरम शिखर का नाम आंबेडकर. दिव्य शंखनाद के संबंध में उन्होंने कहा कि अध्यात्म विज्ञान की महानतम प्रयोगशाला रहा है. कभी भारतवर्ष की राजधानी रहे मुंगेर तो भारत की स्वाधीनता संग्राम का कुरुक्षेत्र रहा मुंगेर. कर्म और त्याग का पावन संगम है उत्तरवाहिनी के तीर पर बसा अपना यह मुंगेर. इस अत्यंत गौरवशाली धरती को जानने पहचानने की आवश्यकता है. इसी दिश में मानो कटोरी भर पानी में आकाश का बिंब उतार लेने का किंचित प्रयास भर किया है यह अंक. मौके पर डॉ केके बाजपेयी, डॉ देवव्रत नारायण, नारायण, राजीव कुमार सिंह, प्रो. श्याम देव कुमार सिन्हा, डॉ विष्णुदेव नारायण सिन्हा, शीतांशु शेखर सहित अन्य मौजूद थे.
मानवता के चरम शिखर का नाम आंबेडकर
मुंगेर. गंगोत्री के तत्वावधान में बंगाली टोला बेलन बाजार में एक साहित्यिक संगोष्ठी आयोजित की गयी. उसकी अध्यक्षता प्रो. अवध किशोर सिंह ने की. मुख्य अतिथि प्रो. सुनील कुमार सिन्हा मौजूद थे. इस मौके पर डॉ शिवचंद्र प्रताप द्वारा लिखित व सद्य: प्रकाशित पुस्तक ” डॉ अंबेदकर एक प्रज्वलित प्रश्न चिह्न ” एवं ” दिव्य […]
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