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मुंगेर में लड़कियां नहीं हैं सुरक्षित तीन माह में दुष्कर्म की सात घटना
मुंगेर : इन दिनों मुंगेर जिले में दुष्कर्म का ग्राफ काफी बढ़ गया है. एक के बाद एक दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में यदि सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाय तो मुंगेर में लड़कियां सुरक्षित नहीं है. बढ़ते दुष्कर्म के मामले को लेकर बीते तीन माह में कुल सात दुष्कर्म […]
मुंगेर : इन दिनों मुंगेर जिले में दुष्कर्म का ग्राफ काफी बढ़ गया है. एक के बाद एक दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी स्थिति में यदि सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाय तो मुंगेर में लड़कियां सुरक्षित नहीं है. बढ़ते दुष्कर्म के मामले को लेकर बीते तीन माह में कुल सात दुष्कर्म के मामले सामने आये हैं.
चिंतित हैं अभिभावक
सरकार द्वारा भले ही लड़कियों के लिए बहुत सारी लाभकारी योजनाएं चलायी गयी हो. यहां तक कि विद्यालय जाने के लिए साइकिल तक उपलब्ध कराया गया है. लेकिन उसके सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. घर से निकलने के बाद जब तक लड़कियां लौट कर अपने घर नहीं पहुंचती तब तक उनके अभिभावक चिंतित रहते हैं कि मेरी बच्ची बाहर सुरक्षित है या नहीं. सुरक्षा के अभाव में कई लोग तो अपनी बच्चियों को पढ़ने के लिए दूर भेजने से भी डरते हैं.
मनचलों की शिकार बनती है छात्राएं
ग्रामीण क्षेत्रों में छात्राओं की सुरक्षा तो दुर कीबात शहरी क्षेत्र में भी छात्राएं सुरक्षित नहीं है. शहर के पूरबसराय-रायसर रोड में सुबह से लेकर शाम तक असामाजिक तत्वों व मनचलों का जमावड़ा रहता है और छात्राओं के ऊपर फबतियां कसते नजर आते हैं. सुबह के समय कोचिंग में आने वाली छात्राएं व कॉलेज के समय आने जाने वाली छात्राएं इन मनचलों से खासे परेशान रहते हैं. जिस पर शायद पुलिस प्रशासन निगाह नहीं के बराबर रहती है.
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