मुंगेर : बिहार के मुंगेर में सदर अस्पताल की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है. जिसके कारण यहां पर इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को खासे परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार को एक अज्ञात शव 7 घंटे से अधिक समय तक बेड पर पड़ा रहा. जिसे न तो इमरजेंसी से बाहर किया जा रहा था और न ही उसके पोस्टमार्टम की प्रक्रिया ही आरंभ की जा रही थी. इस दौरान अज्ञात शव के बीच ही मरीजों का इलाज चलते रहा. शव के बगल वाले बेड पर मरीजों को इलाज कराने में काफी असहजता महसूस हो रही थी. बावजूद अस्पताल प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर नहीं दिखे.
नया रामनगर थाना क्षेत्र के चंदनपुरा गांव के समीप पहाड़ी की तलहट्टी में शनिवार को एक अज्ञात युवक बेहोशी के हालत में पड़ा हुआ था. लोगों का मानना था कि वह युवक नशा खुरानी का शिकार हो गया होगा. जिसकी सूचना मिलने के बाद स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची तथा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया गया. इलाज आरंभ होने के कुछ ही देर में उस अज्ञात युवक की मौत हो गयी. जिसके बाद पुलिस ने अस्पताल उपाधीक्षक से अज्ञात युवक के शव का पोस्टमार्टम करवाने की मांग की. दोपहर 2 बजे दिन के बाद उस अज्ञात शव को पोस्टमार्टम के लिए इमरजेंसी वार्ड से बाहर निकाला गया.
इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में शव के उपर कपड़ा तक नहीं ढ़का गया था, जिसके कारण इलाज कराने को पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजन अपने आप को काफी असहज महसूस कर रहे थे. मरीज व उनके परिजनों का कहना था कि मृतक के शव को वार्ड से बाहर किया जाये, ताकि उसके दुर्गंध से भी बचा जाये तथा इलाज कराने में असहजता भी महसूस न हो.
कहते हैं प्रभारी उपाधीक्षक
सदर अस्पताल के प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने कहा कि जब तक पुलिस द्वारा शव का पंचनामा नहीं कर दिया जाता, तक तक शव को बेड से हटाना अनुचित था. इतने देर में शव से दुर्गंध नहीं आ सकता.