मुंगेर : मुंगेर में जल संकट की समस्या गहराती जा रही है. जिले में पाताल की ओर पानी तेजी से भाग रहा है. वर्ष 2018 के मई महीने की तुलना में वर्ष 2019 के मई महीने में अब तक चार से पांच फीट नीचे जलस्तर चला गया है. इसके कारण अधिकांश सरकारी चापानल सूख रहा है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कुआं सूख गया है. अगर मई में यह हाल है तो जून में स्थिति और विकराल हो सकती है.
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जिले में पताल की ओर जा रहा जलस्तर, बढ़ेगी परेशानी
मुंगेर : मुंगेर में जल संकट की समस्या गहराती जा रही है. जिले में पाताल की ओर पानी तेजी से भाग रहा है. वर्ष 2018 के मई महीने की तुलना में वर्ष 2019 के मई महीने में अब तक चार से पांच फीट नीचे जलस्तर चला गया है. इसके कारण अधिकांश सरकारी चापानल सूख रहा […]
जो गंगा, नदी व झरनों से घिरे मुंगेर को पानी के लिए परेशान कर देगी. पीएचइडी विभाग ने गिरते हुए जलस्तर की समीक्षा के उपरांत एक रिपोर्ट तैयार की है. इसके आधार पर मुंगेर जिले का कोई भी हिस्सा नहीं बचा है. जहां भूमिगत जलस्तर नीचे नहीं भागा है.
ओवर ऑल मुंगेर में मई माह में अब तक चार से पांच फीट तक जलस्तर नीचे गिर चुका है. मुंगेर शहरी क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में तीन फीट जलस्तर गिरा है. जबकि मुंगेर मुफस्सिल क्षेत्र में कहीं जलस्तर भागा है तो कहीं पिछले साल की तुलना में स्थिति इस बार ठीक है. जमालपुर, बरियारपुर, धरहरा, मुंगेर नगर व सदर में जलस्तर अधिक गिरा है.
जबकि हवेली खड़गपुर, असरगंज व संग्रामपुर, तारापुर में में भी अप्रैल माह की तुलना में मई महीने में जलस्तर एक से डेढ फीट गिरा है. लेकिन पिछले साल के मई महीने की तुलना में इस वर्ष जलस्तर बेहतर है. जलस्तर गिरने का सिलसिला जारी है. इसके कारण एक ओर जहां जिला प्रशासन व विभाग चिंतित है, वहीं दूसरी तरफ आम लोगों की परेशानी भी काफी बढ़ गयी है. लोगों का कहना है कि अगर मई माह में यह हाल है तो जून में क्या होगा.
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