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हिजबुल व डी कंपनी तक जुड़े हैं मुंगेर के हथियार तस्करों के तार

मुंगेर : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियार तस्करी का केंद्र बन चुके मुंगेर के हथियार तस्कर अत्याधुनिक हथियारों को हिजबुल मुजाहिद्दीन व डी कंपनी तक आपूर्ति करता रहा है. नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम पूर्व में भी इसकी पड़ताल को लेकर कई बार मुंगेर आ चुकी है. वर्ष 2005 में एनआईए की टीम हिजबुल मुजाहिद्दीन […]

मुंगेर : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियार तस्करी का केंद्र बन चुके मुंगेर के हथियार तस्कर अत्याधुनिक हथियारों को हिजबुल मुजाहिद्दीन व डी कंपनी तक आपूर्ति करता रहा है. नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम पूर्व में भी इसकी पड़ताल को लेकर कई बार मुंगेर आ चुकी है.

वर्ष 2005 में एनआईए की टीम हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य मो. सथाव की खोज में मुंगेर आया था, जबकि जुलाई 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका के हॉली आर्टिसन बेकरी कैफे में हुए आतंकी हमले में भी मुंगेर से तस्करी कर हथियार ले जाया गया था. इस बात का खुलासा बांग्लादेश की जांच एजेंसी ने किया था. मुंगेर में पिछले एक सप्ताह के दौरान छह एके 47 की बरामदगी के बाद जब पुलिस ने जांच प्रारंभ की तो एक बार फिर ये बातें सामने

हिजबुल व डी…
आयीं कि मुंगेर के हथियार तस्करी का तार आतंकवादी व माओवादी संगठनों तक जुड़ा है. पुलिस के अबतक के पड़ताल में यह साबित हो चुका है कि मुंगेर में एके 47 के साथ गिरफ्तार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर बरदह का रहने वाले मो. इमरान लगभग 70 एके 47 को लाकर बेच चुका है. इस नेटवर्क में जबलपुर आयुध फैक्टरी से लेकर मुंगेर तक के नेटवर्क का जब खुलासा हुआ है, तो राज्य सरकार उसकी जांच केंद्रीय एजेंसी एनआईए से कराने की सिफारिश की है और इस दिशा में कार्रवाई चल रही है. माना जा रहा है कि दो-चार दिनों में एनआईए की टीम मुंगेर पहुंचेगी.
एनआईए की टीम हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्य फैय्याज अहमद साथर उर्फ साथव की खोज में वर्ष 2007 में मुंगेर आयी थी. फैय्याज अहमद साथर उर्फ साथव जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिला के अंग गांव का रहने वाला है. उस पर फेक करेंसी को लेकर जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2005 में एक मामला दर्ज किया गया था. उसी समय से एनआईए की टीम उसके पीछे लगी हुई थी. वर्ष 2007 में मुंगेर पहुंची एनआईए की टीम ने खुलासा किया था कि फैय्याज मुंगेर में रह कर जाली नोट खपने के लिए एक नेटवर्क विकसित कर चुका है और जाली नोट के बदले यहां से हथियार की तस्करी कर रहा है. इसके बाद यह बात सामने आया था कि मुंगेर के हथियार तस्करों का आंतकी व उग्रवादी संगठनों से भी कनेक्शन है. 2007 में ही मुंगेर के एक युवक रंजीत कुमार पुलिस के हत्थे चढ़ा था. उसके खाते पर दस दिन में मुंबई से 20 लाख रुपये डाले गये थे. इस मामले की जांच के दौरान मुंबई पुलिस ने वंशलाल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था और फिर मुंबई पुलिस मुंगेर पहुंच कर उस रंजीत को भी पकड़ा था. जिसके खाते में 20 लाख रुपये डाले गये थे. वंशलाल ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि मुंगेर से मंगाये गये पिस्टल को वह डी कंपनी के हाथों बेचता था. जांच की जिम्मेदारी मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपी गयी थी.
आतंकी को मुंगेर के तस्कर ने उपलब्ध कराया था हथियार
वर्ष 2014 में पठानकोट रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी आतंकी के कब्जे से एके 47 हथियार बरामद किया गया था. उसने बताया था कि मुंगेर के एक दलाल ने यह हथियार उपलब्ध कराया था. उसी वर्ष मुंगेर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में भी एसटीएफ व स्थानीय पुलिस ने मंगल खां के पास से एक एके 47 हथियार बरामद किया था. जो सदर प्रखंड के समीप एक आम के बगीचा में डिलिंग के लिए लाया गया था. उस समय भी मुंगेर के हथियार मंडी काफी गुलजार था. क्योंकि उसी वर्ष नयारामनगर पुलिस ने आस्ट्रिया निर्मित ग्लाक पिस्टल बरामद किया था. इस मामले में हवेली खड़गपुर के कुंदन मंडल को गिरफ्तार किया गया था.
जांच में सामने आया था कि यह पिस्टल थाई पुलिस के एक अधिकारी से चोरी हुई थी. सितंबर 2016 को कुंदन मंडल के सहयोगी को किशनगंज में चेक गणराज्य निर्मित ब्रेटा पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर मुंगेर पुलिस ने कुंदन मंडल को गिरफ्तार कर किशनगंज पुलिस को सौंप दिया. मुंगेर में बंगलादेश के मिदनापुर निवासी प्रवीर दास, नेपाल के रामवरण महतो व चंद्रवीर को गिरफ्तार किया जा चुका है जो उग्रवादी संगठनों से ताल्लुक रखते थे.
जबलपुर सीओडी से रिटायर्ड इमरान के चाचा ने पुरुषोत्तम से मिलकर खड़ा किया था एके- 47 की स्मगलिंग का नेटवर्क
पटना : देश भर में आधुनिक हथियार से हाईप्रोफाइल मर्डर हो या फिर हथियार स्मगलिंग का मामला, अक्सर कनेक्शन बिहार के मुंगेर से जुड़ता है. यूपी के बड़े अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या में प्रयुक्त पिस्टल, पठानकोट में सेना के एयरबेस में हमले के बाद आतंकियों के पास से बरामद एके-47, दोनों ही मामलाें में मुंगेर सुर्खियों में रहा है. इसी कड़ी में एक बार फिर एमपी के जबलपुर सीओडी (सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो) और बिहार के मुंगेर का कनेक्शन सामने आया है. दोनों स्टेट की पुलिस
जबलपुर सीओडी से…
जांच में पता चला है कि मुंगेर की जमालपुर पुलिस द्वारा तीन एके-47 के साथ गिरफ्तार किया गया इमरान छह सालों से सीओडी से निकलने वाले एके-47 की स्मगलिंग में लगा था. दरअसल इमरान का चाचा नियाजुल हसन जबलपुर सीओडी में आरमोर्रर था. वर्ष 2008 में वह रिटायर्ड हुआ था. नियाजुल ने ही एमपी के रीवा के रहने वाले साथी आरमोर्रर पुरषोत्तम रजक को मिलाकर एके-47 के सप्लाई की साजिश रची थी. इस नेटवर्क को बढ़ाने क लिए नियाजुल ने पुरुषोत्तम को मोटा पैसा कमवाने का लालच देकर उसका साथ मांगा और दोनों ने
खतरनाक मंसूबे के साथ बड़ा नेटवर्क खड़ा करने में जुट गये. नेटवर्क को बढ़ाने के लिए नियाजुल ने अपने भतीजे इमरान को जिम्मेदारी दी. पुरुषोत्तम और नियाजुल सीओडी से खराब असलहों और पुर्जों को निकाल कर नया एके-47 तैयार करते थे और इमरान देश भर के नक्सली संगठन, आतंकी संगठन और अपराधियों को सीओडी के आरमोर्रर द्वारा तैयार किये गये असलहों को बेचता था.
जबलपुर सीओडी के चार बड़े अधिकारी शक के दायरे में, धमकेगी एनआईए
जबलपुर सीओडी से हुए इस हथियार सप्लाई का मामला काफी बड़ा हो गया है. जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गये हैं. सूत्रों के मुताबिक शनिवार को एनएसए अजित डोभाल का बिहार दौरा भी इसी घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि इसकी कोई अाधिकारिक पुष्टि नहीं है. लेकिन लगभग यह तय है कि इस मामले की जांच अब एनआईए करेगी. सूत्रों कि मानें तो सीओडी से मामला जुड़ने और दो स्टेट के कनेक्शन के बाद एनआईए का हस्तक्षेप हो रहा है. इसमें आतंकी संगठन, नक्सली संगठन और अपराधी गैंग टारगेट पर हैं. क्योंकि जांच अब इस बात की हो रही है कि 70 एके-47 किसने खरीदा. इन सवालों के साथ एनआईए की टीम बहुत जल्द जबलपुर सीओडी भी जायेगी. सूत्रों कि मानें तो सीओडी के चार बड़े अधिकारी भी शक के दायरे में हैं.
सीओडी से निकली 70 एके-47 को बहन के घर छुपाया था इमरान ने
इमरान जब एके-47 से मोटा पैसा कमाने लगा तो उसने इस धंधे में अपने बहनोई शमशेर और बहन रिजवाना अख्तर को भी शामिल किया. यहां बता दें कि वर्ष 2009 में हत्या के प्रयास के मामले में श्मशेर मुफसिल
सीओडी से निकले…
थाने का वांछित था. लेकिन फरारी के दौरान वह इमरान के साथ मिलकर धंधा करता रहा. इसके अलावा कुछ अन्य रिश्तेदार भी इस नेटवर्क से जुड़े और भारी मात्रा में हथियार की सप्लाई की गयी. पुलिस की जांच में यह पता चला है कि इमरान जब भी जबलपुर से हथियार लेकर आता था तो उसे बहन रिजवाना अख्तर के घर छुपाता था.
करीब 70 एके-47 रिजवाना ने छुपाये थे. फिलहाल मुंगेर की जमलापुर पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें इमरान, नियाजुल हसन, रिजवाना अख्तर और शमशेर गिरफ्तार किये जा चुके हैं. वहीं जबलपुर पुलिस ने सीओडी से रिटायर्ड पुरुषोत्तम रजक, उसकी पत्नी चंद्रवती रजक, बेटा शलींद्र और सीओडी के रिटायर्ड कर्मवारी सुरेश ठाकुर गिरफ्तार किया है.

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