मुंगेर : नगर निगम की बदहाल पेयजलापूर्ति व्यवस्था ने मासूम बच्ची को जिंदगी-मौत से जूझने पर विवश कर दिया. यदि निगम द्वारा शहरवासियों को पेयजल की सुविधा दी गयी होती तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती. जिसका खामियाजा शहरवासी तो पहले से ही भुगत रहे हैं और अब एक मासूम बच्ची की जिंदगी दांव पर लगी है. क्योंकि यदि हर घर नल की व्यवस्था होती तो किसी को व्यक्तिगत रूप से समरसेबल करने की नौबत नहीं आती.
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शहरवासियों को मिलता पानी तो बोरिंग में नहीं गिरती बच्ची
मुंगेर : नगर निगम की बदहाल पेयजलापूर्ति व्यवस्था ने मासूम बच्ची को जिंदगी-मौत से जूझने पर विवश कर दिया. यदि निगम द्वारा शहरवासियों को पेयजल की सुविधा दी गयी होती तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती. जिसका खामियाजा शहरवासी तो पहले से ही भुगत रहे हैं और अब एक मासूम बच्ची की जिंदगी दांव पर […]
पानी की व्यवस्था होती, तो बोरिंग में नहीं गिरती बच्ची : नगर निगम द्वारा यदि शहरवासियों को पेयजलापूर्ति की व्यवस्था उपलब्ध कराती तो लोगों को बोरिंग कराने की नौबत ही नहीं आती. लोग पानी की समस्या से निजात पाने के लिए अपने खर्च पर समरसेबल करा रहे हैं. ताकि इधर-उधर भटकने से अच्छा है कि स्वयं का बोरिंग हो. यही कारण है कि शहर के मुर्गियाचक में उमेशनंदन प्रसाद साह अपने घर में बोरिंग करा रहा था. बोरिंग का सभी कार्य पूर्ण कर लिया गया था. जिसमें ग्रेबुल डालने का काम किया जा रहा था. इसी दौरान तीन वर्षीय बच्ची सना खेलने के दौरान फिसल गयी और बोरिंग में जा फंसी. अब स्थिति यह है कि बच्ची को निकालने के लिए पूरा प्रशासनिक महकमा एड़ी चोटी एक किये हुए है.
समरसेबल बोरिंग पर नहीं लग रहा लगाम : शहर में खुलेआम जिसे जहां मन हो रहा है वहां बोरिंग कराया जा रहा है. किसी के पास अपना स्थल है तो वह अपने घर के अंदर और जिसे स्थल की कमी है वह सड़क पर ही बोरिंग करा रहे हैं. इसके लिए निगम प्रशासन द्वारा कोई मानक तय नहीं किया गया है और न ही कार्रवाई की जा रही है. फलत: लोग खुलेआम जहां-तहां बोरिंग करा रहे. स्थिति यह है कि शहर के अधिकांश गली-मुहल्लों में बीच सड़क पर बोरिंग करा कर छोड़ दिया गया है.
दम तोड़ रही हर घर नल का जल योजना
गंगा के तट पर स्थित मुंगेर में नगर निगम की जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुका है. कुछ गिने चुने मुहल्ले में जलापूर्ति हो रही. नई शहरी जलापूर्ति योजना कब चालू होगा इसे बताने वाला कोई नहीं है. सरकार ने सात निश्चय योजना के तहत शहरी क्षेत्र के घरों में हर घर नल के माध्यम से जल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. लेकिन मुंगेर नगर निगम में यह योजना फाइलों में ही दम तोड़ रही. लोग पानी के लिए बिलबिला रहे और कहीं कर्जा लेकर पानी का बोरिंग कराया जा रहा तो कहीं घर का गहना बेचकर. लेकिन निगम प्रशासन लोगों को शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं करा पा रही.
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पत्रकार के निधन पर शोक: मुंगेर. सड़क दुघर्टना में हुए पत्रकार राजेश उपाध्याय की मौत पर मुंगेर में एक शोकसभा हुई.अध्यक्षता महमूद आलम ने की. मौके पर डॉ शब्बीर हसन, डॉ इबराज अली, डॉ प्राणमोहन केशरी, कन्हैया कमार, मोहनसिन मलिक, मो. निहाल, मंजहर हुसैन सहित अन्य मौजूद थे.
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मंगलवार
शाम 4:05 बजे : खेलने के क्रम में सना उर्फ सन्नो बोरवेल में गिरी. जिसके बाद एक घंटे तक घर व पड़ोसियों द्वारा बच्ची को बाहर निकालने का प्रयास जारी रहा.
शाम 5.00 बजे : कोतवाली तथा पूरबसराय थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तथा वहां पर जुटे भीड़ को हटाने में जुट गयी.
शाम 5:30 बजे : सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेशचंद्र झा तथा एएसपी हरिशंकर कुमार घटनास्थल पर पहुंचे तथा मेडिकल टीम को बुलाया.
शाम 6:20 बजे : पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला मौके पर पहुंचे तथा स्थिति का जायजा लेते हुए रेस्क्यू के लिए प्रशासनिक स्तर पर भागलपुर तथा खगड़िया के जिला प्रशासन से संपर्क कर एसडीआरएफ की टीम को भेजने की मांग की.
शाम 7:10 बजे : घटनास्थल पर जेसीबी पहुंची तथा बोरवेल के समानांतर 10 फुट की दूरी पर खुदाई शुरु की गयी.
शाम 8.00 बजे : प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल मौके पर पहुंचे तथा गांधी चौक, बक्सा गली, काली ताजिया रोड तथा मुर्गियाचक गली में बांस-बल्ला लगा कर बेरिकेटिंग करने का निर्देश दिया.
रात 10.00 बजे : जेसीबी से गड्ढ़ा खोदने में परेशानी होने पर पोकलेन मंगाया गया तथा तीव्र गति से खुदाई शुरु की गयी.
बुधवार
सुबह 9.00 बजे : पोकलेन से खुदाई बंद कर एसडीआरएफ खुद से खुदाई में जुट गयी.
सुबह 10.00 बजे : डीआईजी जीतेंद्र मिश्रा घटनास्थल पर पहुंचे तथा रेस्क्यू का जायजा लिया.
दोपहर 12 बजे : कार्य में व्यवधान होने के कारण पुलिस अधीक्षक ने सभी मीडियाकर्मियों को रेस्क्यू स्थल से दूर हटाया.
दोपहर 2:30 बजे : सड़क पर 45 फुट गहरे गड्ढ़े की खुदाई पूरी हुई तथा बोरवेल के समानांतर सुरंग के खुदाई की तैयारी में एसडीआरएफ जुट गयी.
दोपहर 3.00 बजे : बोरवेल के समानांतर सड़क पर बने गड्ढ़े से 10 फुट के सुरंग की खुदाई आरंभ की गयी.
दोपहर 3:20 बजे : एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची तथा टीम ने स्थिति का पूरा जायजा लेते हुए रेस्क्यू को तेज किया.
शाम 9:35 बजे : एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के संयुक्त प्रयास से सना को सकुशल बाहर निकाला गया.
शाम 9:45 बजे : पुलिस अभिरक्षा में सना को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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स्कूल के बच्चों ने की दुआ, भगवान मेरी दोस्त को बचा लेना
विभिन्न संगठनों ने भी की प्रार्थना
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