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छात्रों को है इंतजार, नहीं मिल रहा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड

नहीं तैयार हो पाया राज्य शिक्षा वित्त निगम का सॉफ्टवेयर मुंगेर : उच्च शिक्षा की प्राप्ति में गरीब छात्र-छात्राओं के बीच आर्थिक समस्या उत्पन्न न हो, इसे लेकर बिहार सरकार ने शिक्षा ऋण की व्यवस्था की है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंटर पास छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए न्यूनतम ब्याज पर ऋण […]

नहीं तैयार हो पाया राज्य शिक्षा वित्त निगम का सॉफ्टवेयर

मुंगेर : उच्च शिक्षा की प्राप्ति में गरीब छात्र-छात्राओं के बीच आर्थिक समस्या उत्पन्न न हो, इसे लेकर बिहार सरकार ने शिक्षा ऋण की व्यवस्था की है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंटर पास छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए न्यूनतम ब्याज पर ऋण की व्यवस्था की गयी है. इस मामले में पूर्व में जब बैंककर्मियों की लापरवाही सामने आयी तो राज्य सरकार ने छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए राज्य शिक्षा वित्त निगम का गठन किया. जिसके माध्यम से शिक्षा ऋण दिया जाना है. किंतु दुखद यह है कि निगम गठन के दो माह बाद भी इसका लाभ स्टूडेंट को नहीं मिल रहा. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वित्त निगम का वह सॉफ्टवेयर अबतक उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसके माध्यम से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लाभ दिया जाना है. जिससे अब यह अंदेशा सताने लगी है कि इस बार शायद गरीब अभिभावकों के बच्चे उच्च शिक्षा तथा डॉक्टर-इंजीनियर बनने से वंचित रह जायेंगे.
ऋण के लिए डीआरसीसी का चक्कर लगा रहे छात्र: राज्य शिक्षा वित्त निगम के लागू किये जाने के बाद से कई मेधावी छात्र उच्च शिक्षा ऋण के लिए लगातार जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं. किंतु उन्हें उच्च शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिसके कारण खासकर गरीब तबके के छात्रों के चेहरों पर मायूसी सी छाने लगी है. मंगलवार को शहर के मोगल बाजार निवासी छात्र शुभम कुमार शिक्षा ऋण के लिए आवेदन जमा करने डीआरसीसी पहुंचा. जहां उसे बताया गया कि आवेदन तो जमा ले लिया जायेगा. किंतु तत्काल ऋण का लाभ नहीं मिल पायेगा. ऋण का लाभ लेना है तो फिलहाल पहले किस्त की राशि खुद से ही भुगतान करना पड़ेगा. दूसरे किस्त की राशि उपलब्ध करा दी जायेगी. जिसके बाद छात्र मायूस होकर वापस घर लौट गया. छात्र ने बताया कि उन्होंने इसी साल मुंबई से एमआइटी की परीक्षा पास की है. अब आगे की पढ़ाई के लिए उसे हर हाल में शिक्षा ऋण की जरूरत है. यदि समय पर ऋण उपलब्ध नहीं हुआ तो वह आगे की पढ़ाई के लिए अपना नामांकन भी नहीं करवा पायेगा.
कहते हैं योजना सहायक प्रबंधक
डीआरसीसी के योजना सहायक प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया कि छात्रों से आवेदन लिया जा रहा है. किंतु अब तक राज्य शिक्षा वित्त निगम का सॉफ्टवेयर ही तैयार नहीं हुआ है. सॉफ्टवेयर तैयार होने के बाद संभवत: 15 जुलाई के बाद से छात्रों को ऋण मिलना आरंभ हो जायेगा.
क्या वित्त निगम की योजना
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 अप्रैल को बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की शुरुआत की. जिसके बाद स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बैंकों के बजाय बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम से ऋण दिया जाना तय किया गया है. इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार की दलील थी कि बैंक लोन देने में देरी करती रही है. लिहाजा राज्य सरकार को यह व्यवस्था करनी पड़ी, ताकि छात्रों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो. बैंकों के माध्यम से शिक्षा ऋण के तहत ऋण धारकों को 10-12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना पड़ता था. किंतु इस योजना के माध्यम से मिलने वाले ऋण पर ब्याज की दर सिर्फ 4 प्रतिशत तय की गयी है. जबकि दिव्यांगों, छात्राओं और ट्रांसजेंडर को सिर्फ एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण मुहैया कराये जाने का प्रावधान बनाया गया है.

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