मुंगेर : अक्सर देखा जाता है कि जब कोई बड़ी घटना घट जाती है, तब लोग यह मूल्यांकन करने लगते हैं कि किस कारण से घटना हुई, घटना के पीछे कौन जिम्मेदार है, घटना घटने से पहले सुरक्षा मानकों का ख्याल क्यों नहीं रखा गया और फिर जांच कमेटी गठित होती है तथा दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा होती है. इसके बाद सब कुछ पूर्ववत चलने लगता है. किंतु घटना से पूर्व ही यदि जिम्मेदारों द्वारा मानकों की जांच तथा संभावित खतरों का ख्याल रखते हुए आपत्तिजनक स्थिति व कार्य पर रोक लगा देना चाहिए.
सुरक्षा मानकों में यदि कोई कमी या अनदेखी बरती जा रही है तो उसे समय रहते दूर कर लेने से संभावित आपदाओं से बचा जा सकता है. पेट्रोल पंपों पर फायर सेफ्टी को लेकर गाइड लाइन तैयार तो की गयी है, किंतु कई जगहों पर इसकी अनदेखी की जा रही है. इतना ही नहीं कई पेट्रोल पंपों के पास तो ऐसे कार्य किये जा रहे हैं, जो आगजनी जैसी विनाशकारी आपदा को दावत दे रहा है.
पेट्रोल पंप के पास है गैस वेल्डिंग की दुकान: वैसे तो मुंगेर शहर में कुल तीन पेट्रोल पंप संचालित है. तीनों पेट्रोल पंपों पर अलग-अलग प्रकार के फायर एक्सटीग्यूसर यंत्र लगाये गये हैं. लोगों को आगाह करने के लिए पेट्रोल पंप पर आपातकालीन नंबर का डिसप्ले भी किया गया है. किंतु शहर के बीचो-बीच मुरारी पेट्रोल पंप के समीप महज चार कदम की दूरी पर चार-चार गैस वेल्डिंग की दुकानें चलती है. वेल्डिंग के दौरान कारीगर अपने पास किसी ज्वलनशील वस्तु में आग जलाये रहता है तथा जररूत पड़ने पर उसी से अपने गैस वेल्डिंग में भी आग पकड़ा लेता है. गैस वेल्डिंग का काम सुबह से शाम तक चलते रहता है. इस दौरान यदि तेज हवा चलने लगे तथा कारीगर का थोड़ा भी ध्यान इधर-उधर हो जाये और ज्वलनशील वस्तु से आग की चिन्गारी पेट्रोल के संपर्क में आ जाये तो पेट्रोल पंप में भयानक विस्फोट हो सकता है. जानकारों की मानें तो पेट्रोल पंप में विस्फोट होने का मतलब है कि उसके परिधि में 100 गज तक का क्षेत्र प्रभावित हो सकता है. बावजूद पेट्रोल पंप के समीप चल रहे इस तरह के खतरनाक खेल पर पाबंदी नहीं लगाया जा रहा है. जिसके कारण संभावित खतरे लगातार प्रबल होते जा रहे हैं.
आम जनों को भी होना पड़ेगा जागरूक: पंपों पर पेट्रोल भराने के दौरान कई वाहन चालक अचानक मोबाइल फोन पर बात करने लगते हैं. जबकि फायर सेफ्टी मानकों के अनुसार पेट्रोल पंप पर तेल भराने के दौरान माबाइल का इस्तेमाल पूर्णत: वर्जित रहता है. बावजूद लोगों में इस बात को लेकर जागरूकता की घोर कमी देखने को मिलती है. मोबाइल फोन से उत्पन्न होने वाली तरंगें तथा उसके भीतर की सूक्ष्म स्पार्क विस्फोटक स्थिति का रूप धारण कर सकती है. इस तरह की संभावित घटनाओं से बचने के लिए आम जनों को सावधान रहने की जरूरत है.
पेट्रोल पंप के लिए फायर सेफ्टी के मानक
पर्याप्त मात्रा में फायर एक्सटीग्यूसर यत्र की उपलब्धता.
पेट्रोल पंप के ऊपर से हाई टेंशन वायर नहीं होना चाहिए.
आपातकालीन नंबर का डिसप्ले होना चाहिए.
पेट्रोल पंप के आस-पास कोई ज्वलनशील कार्य न हो.
पंप के समीप फ्यूल लेते समय मोबाइल से बात न करें.
कहते हैं एसडीअो
सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेश चंद्र झा ने बताया कि फायर सेफ्टी को लेकर तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. जिसका मैं भी सदस्य हूं. संबंधित पेट्रोल पंप के समीप चल रहे गैस वेल्डिंग दुकान का जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी.