11 साल बाद मिला न्याय
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अपहरण व दुष्कर्म मामले में चार आरोपितों को सजा
11 साल बाद मिला न्याय एक को आजीवन कारावास व तीन अन्य को दस-दस वर्ष की सजा मुंगेर : बरियारपुर थाना क्षेत्र के तुलसीपुर घोरघट गांव निवासी नाबालिग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित फंटुश यादव को जहां आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. वहीं तीन अन्य आरोपित कक्कु यादव, सेंटु […]
एक को आजीवन कारावास व तीन अन्य को दस-दस वर्ष की सजा
मुंगेर : बरियारपुर थाना क्षेत्र के तुलसीपुर घोरघट गांव निवासी नाबालिग लड़की के अपहरण व दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित फंटुश यादव को जहां आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. वहीं तीन अन्य आरोपित कक्कु यादव, सेंटु यादव व बिट्टु यादव को दस-दस वर्ष कारावास की सजा सुनायी गयी.
अपहरण व दुष्कर्म…
साथ ही सभी आरोपितों को 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया. इस राशि का 60 प्रतिशत पीड़िता को भुगतान किया जायेगा.
नाबालिग लड़की के अपहरण सह बलात्कार के मामले में 11 वर्ष बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया गया. मुंगेर के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने तुलसीपुर घोरघट निवासी फंटुश यादव को जहां अपहरण सह बलात्कार के मामले में भादवि की धारा 364ए एवं 376 के तहत दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वहीं कक्कु यादव, सेंटु यादव व बिट्टु यादव को भा.द.वि की धारा 364 ए के तहत दोषी पाकर दस-दस वर्ष कारावास की सजा सुनायी.
सत्रवाद संख्या 779/2007 में सुनवाई करते हुए विद्वान न्यायाधीश ने उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर कांड के चारों आरोपित फंटुश यादव, कक्कु यादव, सेंटु यादव व बिट्टु यादव को दोषी पाया था. घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि 8 फरवरी 2007 को तुलसीपुर घोरघट निवासी नाबालिग लड़की को इन अपराधियों ने उस समय अगवा कर लिया था. जब वह घोरघट हाई स्कूल पढ़ने के लिए जा रही थी. प्रदीप यादव के बासा के पास इन लोगों ने लड़की का अपहरण कर लिया और कुछ घंटे बाद उसे मुख्य सड़क से होते हुए अज्ञात स्थान की ओर लेकर चले गये. इस दौरान इन अपराधियों ने लड़की के पिता को मोबाइल पर फोन कर 50 हजार रुपये रंगदारी की भी मांग की थी. साथ ही फंटुश यादव नाबालिग लड़की को लेकर दिल्ली चला गया.
जहां उसने दो महीने तक उसे अपने पास रखा. इसी दौरान एक दिन लड़की वहां से भाग निकली और सीधे पूरबसराय अपने मामा के घर पहुंची. बाद में पुलिस ने न्यायालय में उसका बयान भी दर्ज कराया था. घटना को लेकर गौतम यादव ने बरियारपुर थाने में कांड संख्या 13/2007 दर्ज कराया था. इसमें उक्त चारों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजाराम प्रसाद यादव ने बहस में भाग लिया.
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