ऊहापोह. चयनित 52 लोगों को नहीं मिला है लाइसेंस
Advertisement
न लाइसेंस, न ठिकाना, शुरू हो गया बालू का खुदरा व्यापार
ऊहापोह. चयनित 52 लोगों को नहीं मिला है लाइसेंस ऊहापोह की स्थिति में विभाग कर रहा काम मुंगेर : राज्य सरकार ने बालू एवं पत्थर की कालाबारी रोकने एवं उसे जनता को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए खुद कारोबार करने का जिम्मा लिया. इसके लिए बिहार राज्य खनिज निगम की स्थापना की और […]
ऊहापोह की स्थिति में विभाग कर रहा काम
मुंगेर : राज्य सरकार ने बालू एवं पत्थर की कालाबारी रोकने एवं उसे जनता को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए खुद कारोबार करने का जिम्मा लिया. इसके लिए बिहार राज्य खनिज निगम की स्थापना की और मुंगेर में खुदरा व्यापार करने वाले 52 लोगों के नाम भी लॉटरी से निकाला. जिसके माध्यम से 1 दिसंबर यानी शुक्रवार से बालू की ब्रिकी किया जाना है. लेकिन मुंगेर में न तो सरकार को डीपो के लिए जमीन मिली है और न ही नामित खुदरा बिक्रेताओं को लायसेंस दिया गया है. हाल यह है कि बिना ठिकाना के ही कागजों पर आज से सरकारी बालू का कारोबार प्रारंभ कर दिया.
नहीं खुला है बालू का डिपो : सरकार ने भले ही कागजी तौर पर 1 दिसंबर से बालू बेचने का कार्य प्रारंभ कर दिया है. लेकिन बिहार राज्य खनिज निगम का न तो अब तक कार्यालय तय हो सका है और न ही भंडारण डिपो के लिए जगह ही मिल पायी है. जबकि डिपो प्रबंधक एवं चार अन्य कर्मचारियों ने अपना योगदान मुंगेर में भी दे दिया है. प्रभारी खनन पदाधिकारी सह डीसीएलआर नलिन कुमार ने बताया कि अभी खनन विभाग से ही निगम का कार्यभार संचालित हो रहा है. डिपो प्रबंधक यहीं से अपना दायित्व का निर्वहन करेंगे है. जबकि डिपो के लिए जमीन खोजी जा रही है. विदित हो कि प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार ने अधिकारियों की बैठक में कहा था कि सदर प्रखंड कार्यालय के सामने बिहार वेवरेज कॉरपोशन के डिपो स्थल पर ही बालू का डिपो खोला जाएगा.
900 रुपये में मिलेगा 100 सीएफटी बालू : सरकार ने बालू का दर जो निर्धारित किया है वह 900 रुपया प्रति 100 सीएफटी तय किया है. जबकि 20 रुपया प्रति किलोमीटर के हिसाब से वाहन किराया के तौर पर पार्टी को भुगतान करना होगा. आज के पहले यही बालू कालाबाजारी में चार-पांच हजार में बेची जाती थी. पहले ट्रेलर से बालू बेचा जाता था. जिसके डाला का आकार 60 से 70 सीएफटी क्षमता वाला होता था. जिसके लिए उपभोक्ताओं को 3500 से 4500 रूपये अदा करना पड़ता था. सरकार ने कंट्रोल रूम का दो नंबर 0612- 2215350 एवं 2215351 जारी किया है. अगर कोई आपसे अधिक राशि मांगता है तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं.
न मिला लाइसेंस व ट्रेनिंग, कैसे बेचेंगे बालू : जिला प्रशासन ने भले की बालू बिक्री के लिए लॉटरी से नाम निकाल दिया है. जिसे 1 दिसंबर से बालू बेचना था. लेकिन आज तक 52 लाइसेंसधारियों में किसी एक को भी बिक्री करने का लाइसेंस नहीं दिया गया है. जबकि कोई गाइड लाइन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. उन्हें यह भी ट्रेनिंग अबतक नहीं दिया गया है कि किस नियम व शर्तों पर बालू का कारोबार करना है.
अधिकारी कर रहे बालू बेचने का दावा : प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी नलिन कुमार ने बताया कि 1 दिसंबर से मुंगेर में सरकारी दर पर बालू बचने का काम प्रारंभ हो गया है.
खुदरा कारोबार के लिए जिनके नाम लाइसेंस से लॉटरी के लिए निकाली गयी. उनके नामों को वेबसाइट पर मुंगेर जिला के लिस्ट में डाल दिया गया है. जहां संपर्क कर उपभोक्ता बालू की खरीद कर सकते हैं. लेकिन हकीकत यह है कि 52 लोगों में एक को भी लाइसेंस नहीं मिल पाया है. हद तो यह है कि जमीन का भी सत्यापन नहीं हुआ है कि लाइसेंसधारी ने जो जमीन के कागजात सौंपा है वह नियम के अनुसार है अथवा नहीं. सदर प्रखंड की ममता कुमारी ने बताया कि उनका नाम लाइसेंस के लिए निकला. लेकिन आज तक लाइसेंस का कागजात नहीं मिला है. बिना लाइसेंस के कैसे कारोबार करेंगे.
एक लाइसेंसधारी को मिलेगा 1000 सीएफटी : प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि एक लाइसेंसधारी को 1000 सीएफटी भंडार करने को दिया जायेगा. तत्काल आर्डर बुक किया जा रहा है. आर्डर मिलने पर जीपीएस लगे ट्रैक्टर से सीधे बालू घाट से उत्खनन कर उपभोक्ता के घर पर डिलीवरी की जायेगी. इधर माइनिंग इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिन्हा ने कहा कि तारापुर में एक लाइसेंसधारी द्वारा एक ऑर्डर 100 सीएफटी का बुक कराया गया है. लेकिन कागजात कम था. जिसके कारण शनिवार को उस आर्डर को पूरा किया जायेगा.
तीन शर्तों पर होगा बालू का कारोबार
विभाग की माने तो तीन शर्तों पर बालू की खरीद लोग कर सकते है. विभागीय वेबसाइट पर जाकर अपनी आवश्यकता अनुसार ऑर्डर दर्ज करा सकते हैं. जबकि विभाग द्वारा जारी किया गया कंट्रोल रूम के फोन नंबर 0612-2215266 पर भी कॉल कर आप ऑर्डर लिखा सकते है. साथ ही आप अपने नजदीक के सरकारी लाइसेंसधारी विक्रेता के पास भी अपना ऑर्डर बुक करा सकते हैं. बालू व पत्थर के लिए आपको अपना पिन कोड बताना होगा. जिससे घाट अथवा खदान से आपके घर तक की दूरी का पता चल सके. घरेलू आवश्यकता के लिए आपके पास आपका आधार कार्ड होना अनिवार्य है. किसी वाणिज्यिक कार्य की आवश्यकता के लिए पैन कार्ड देना होगा.
कैशलेस होगी बालू की डिलीवरी
सरकारी नियमानुसार बालू आपके घर पर डिलिवरी होने के बाद ही आपको पैसों का भुगतान करना है जो कैशलैस होगा. प्रभारी खनन पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी से नगद राशि स्वीकार नहीं किये जायेंगे. इसके लिए पार्टी को डिमांड डॉफ्ट, चैक अथवा अन्य कैशलेस सिस्टम से भुगतान करना होगा. ऐसी परिस्थिति में गरीबों की परेशानी बढ़ जायेगी और उनका घर बनाने का सपना भी पूरा नहीं होगा. क्योंकि गरीब अथवा अधिकांश मध्यमवर्गीय परिवार के पास कैशलेस सिस्टम की व्यवस्था अबतक नहीं हो पायी है. वे तो पाई-पाई जोड़ कर ही कुछ सामग्री की खरीदारी करते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement