मुंगेर : पिछले दिनों शासी निकाय की बैठक में जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह ने अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाते हुए यह निर्देश दिया था कि गर्भवती व प्रसूती महिलाओं हर हाल में सभी जरूरी दवाएं व जांच सेवा उपलब्ध होनी चाहिए़ किंतु बैठक समाप्त होते ही जिलाधिकारी के फटकार का असर खत्म हो गया. पिछले […]
मुंगेर : पिछले दिनों शासी निकाय की बैठक में जिलाधिकारी उदय कुमार सिंह ने अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाते हुए यह निर्देश दिया था कि गर्भवती व प्रसूती महिलाओं हर हाल में सभी जरूरी दवाएं व जांच सेवा उपलब्ध होनी चाहिए़ किंतु बैठक समाप्त होते ही जिलाधिकारी के फटकार का असर खत्म हो गया. पिछले दो दिनों से सदर अस्पताल के जांच घर में सीबीसी जांच नहीं हो रही है़ न सिर्फ आम मरीजों को बल्कि गर्भवती महिलाओं को भी निजी क्लिनिक का सहारा लेना पड़ रहा है़
मालूम हो कि सीबीसी जांच से मरीज के रक्त में उपलब्ध डब्लूबीसी, हीमोग्लोबिन, आरबीसी व प्लेटलेट्स के मात्रा का पता चल पाता है़ किंतु इस जांच के लिए फिलहाल मरीजों को रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. इसे लेकर कई मरीजों ने प्रभात खबर को अपनी समस्या सुनायी़
दो दिन से लौट रहे वापस
जमालपुर प्रखंड के रामचंद्रपुर निवासी रवि कुमार ने कहा कि उसे अपने ब्लड का सीबीसी जांच करवाना था़ किंतु पिछले दो दिनों से उसे यह कह कर जांच घर से लौटा दिया जा रहा है कि अभी यहां सीबीसी का जांच नहीं हो रहा है, कहीं बाहर से जांच करवा लो़ उसके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि किसी निजी पैथोलॉजी में जा कर जांच करवा सकें.
गर्भवती को भी सुविधा नहीं
सदर प्रखंड के शंकरपुर गांव निवासी गर्भवती महिला बेबी देवी ने कहा कि डॉ ने उसे सीबीसी जांच करवाने के लिए लिखा है़ किंतु जांच घर पहुंचने पर पता चला कि यहां पर सीबीसी का जांच नहीं हो रहा है़ अब तो किसी निजी पैथोलॉजी में ही जा कर जांच करवाना पड़ेगा़