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अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृतक को घर ले जाने के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया शव-वाहन

पुरजे में लिखा था भरती करना है, पढ़ न पाया, प्रसूता काे घर ले गया था चंद्रशेखर मुंगेर : सदर अस्पताल में सोमवार को एक बार फिर चिकित्सकों की लापरवाही का मामला उजागर हुआ है़ इस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी तथा परिजनों ने जम कर अस्पताल परिसर में हंगामा किया़ वहीं जच्चा-बच्चा की […]

पुरजे में लिखा था भरती करना है, पढ़ न पाया, प्रसूता काे घर ले गया था चंद्रशेखर

मुंगेर : सदर अस्पताल में सोमवार को एक बार फिर चिकित्सकों की लापरवाही का मामला उजागर हुआ है़ इस कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी तथा परिजनों ने जम कर अस्पताल परिसर में हंगामा किया़ वहीं जच्चा-बच्चा की मौत से सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के दावे की सच्चाई उजागार हो गयी है़ हद तो तब हो गयी, जब अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृतक को घर ले जाने के लिए शव-वाहन तक उपलब्ध नहीं कराया गया़ नतीजतन मृत प्रसूता को परिजन ऑटो पर घर ले गये.
चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महुली पंचायत स्थित टीकारामपुर धौताल महतो टोला निवासी चंद्रशेखर महतो की पत्नी क्रांति देवी को सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने लगी़ इसके बाद चंद्रशेखर ने उसे प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाया़ जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ मंजुला ने उसके परचे पर अल्ट्रासाउंड तथा ब्लड के कुछ जांच लिख दिये़ चंद्रशेखर ने बताया कि सभी प्रकार के जांच करवा लेने के बाद वह अपनी पत्नी को घर लेकर चला गया़
क्योंकि जांच रिपोर्ट मंगलवार को देने की बात कही गयी़ घर में पलंग पर लेटते ही क्रांति ने एक लड़की को जन्म दे दिया़ जबकि उसके गर्भ में एक और बच्चा था. इसके बाद परिजनों ने उसे आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया़ वार्ड में काफी देर के बाद चिकित्सक डॉ निशि उसे देखने पहुंचीं तथा उन्होंने महिला को मृत घोषित कर दिया़ चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण ही जच्चा-बच्चा की मौत हुई है.
उपलब्ध नहीं कराया गया शव वाहन: शव को अस्पताल से घर ले जाने के लिए अस्पताल में शव वाहन की भी व्यवस्था है़ किंतु सोमवार को क्रांति देवी की मौत हो जाने के बाद जब चंद्रशेखर ने प्रसव केंद्र में एंबुलेंस की मांग की तो उसे बताया गया कि एंबुलेंस अभी अस्पताल से कहीं बाहर गया हुआ है. इसके बाद उसे अपनी पत्नी के शव को एक ऑटो में डाल कर घर लाना पड़ा़ इस घटना ने अस्पताल प्रशासन को फिर से शर्मसार कर दिया है़
डॉ निशि ने बताया कि क्रांति देवी के परचे पर एडमिट लिखा हुआ था़ उसका नाम भरती रजिस्टर में भी दर्ज है़ किंतु परिजनों ने क्रांति को जांचोपरांत प्रसव वार्ड में भरती नहीं कराया तथा अपने साथ घर लेते चले गये. वहीं इस संबंध में कांति के पति चंद्रशेखर ने बताया कि वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है, उसे चिकित्सक ने एक बार भी यह नहीं बोला कि क्रांति को भरती कर दिया गया है़ पुरजे पर अंगरेजी में जो कुछ भी लिखा था, उसे वह पढ़ने में सक्षम नहीं है़ इसके अलावा जांच रिपोर्ट भी मंगलवार को ही मिलती़ ऐसे में वह क्रांति को वार्ड में कैसे वापस लेकर आता़
भरती हुआ नवजात
क्रांति देवी की मौत होने के पूर्व वह एक पुत्री को जन्म दे चुकी थी तथा दूसरे ने उसके साथ पेट में ही दम तोड़ दिया़ पूर्व में जन्म लेने वाले नवजात को चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए अस्पताल के ही एसएनसीयू में भरती कर दिया है़ हालांकि चिकित्सक ने नवजात के कम वजन को लेकर चिंता भी जतायी है़ मालूम हो कि क्रांति ने इस नवजात से पूर्व और भी दो पुत्री को जन्म दिया है़

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