सदर अस्पताल. जिले के 29 गांव हैं प्रभावित
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मलेरिया रोगियों के लिए बाहर से खरीदते हैं दवा
सदर अस्पताल. जिले के 29 गांव हैं प्रभावित वर्ष 2017 में मलेरिया मुक्त जिला होना मुश्किल मुंगेर : जिले में मलेरिया व कालाजार का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है़ किंतु इससे बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम पूरी तरह फेल नजर आ रहा. हाल यह है कि इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचने […]
वर्ष 2017 में मलेरिया मुक्त जिला होना मुश्किल
मुंगेर : जिले में मलेरिया व कालाजार का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है़ किंतु इससे बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम पूरी तरह फेल नजर आ रहा. हाल यह है कि इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचने वाले मलेरिया पीड़ित मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है़ इसे देखते हुए वर्ष 2017 में मलेरिया मुक्त जिला होना काफी मुश्किल है़ पिछले छह महीने में जिले भर में कालाजार के आठ रोगी पाये गये, वहीं मलेरिया के 12 मरीज सामने आ चुके हैं.
मरीज को बाहर से खरीदनी पड़ी दवा: धरहरा प्रखंड के बंगलवा स्थित सराधी गांव निवासी योगेंद्र कोड़ा की पुत्री अंजलि कुमारी पिछले एक पखवारे से मलेरिया रोग से ग्रसित है़ जांच के बाद बीमारी का पता चलने पर परिजनों ने उसे इलाज के लिए सोमवार को सदर अस्पताल में भरती कराया़ सदर अस्पताल में मरीज को भरती तो कर लिया गया, किंतु उसे दवा व सूई बाहर से ही खरीदनी पड़ रही है़
जो मरीज के परिजनों की आर्थिक स्थिति के सामने भारी पड़ रहा है़ परिजनों ने बताया कि मलेरिया की एक-एक सूई 115 रुपये में मिलती है़ किंतु मरीज का जान बचाने के लिए मजबूरन उन्हें बाहर से ही दवा खरीदनी पड़ रही है़ वहीं सराधी गांव के ही सिंघो कोड़ा के पुत्र रोहित कुमार को भी गुरुवार को भरती कराया गया़ उसे जांच के दौरान मलेरियाग्रस्त पाया गया है़ उन्हें मलेरिया की दवा बाहर से ही खरीदनी पड़ी़
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि दवा के लिए ऑर्डर भेजा जा चुका है़ जल्द ही अस्पताल में मलेरिया की दवा उपलब्ध हो जायेगी़
सदर अस्पताल में पिछले एक माह से मलेरिया की दवा उपलब्ध नहीं है़ इससे सरकार द्वारा मुफ्त दी जाने वाली मलेरिया की दवा मरीजों को बाहर से महंगी कीमतों पर खरीदनी पड़ रही है़ बताया जाता है कि मलेरिया की बीमारी में प्रेमाक्वीन टैबलेट, क्लोरोक्वीन टैबलेट तथा रैपिथर इंजेक्शन सदर अस्पताल में उपलब्ध रहता है, किंतु अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता के कारण पिछले एक माह से मलेरिया के दवा की किल्लत चल रही है़
जिले का छह प्रखंड मलेरिया प्रभावित
जिले भर के कुल छह प्रखंडों में 29 गांव को मलेरिया प्रभावित घोषित किया गया है़ जिसमें सदर मुंगेर, जमालपुर, धरहरा, टेटियाबंबर, हवेली खड़गपुर तथा बरियारपुर शामिल है़ं सबसे अधिक बरियारपुर प्रखंड का 11 गांव तथा सबसे कम टेटियाबंबर के एक गांव में मलेरिया का प्रभाव है़ इस संक्रामक बीमारी से निबटने के लिए हर साल लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं, बावजूद इसके लगातार मलेरिया व कालाजार के मरीजों की संख्या बढ़ने का सिलसिला जारी है़
पिछले छह महीने में पाये गये मरीज
महीना कालाजार मलेरिया
जनवरी 1 1
फरवरी 2 1
मार्च 3 4
मई 2 5
जुलाई – 1
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