मुंगेर : मुंगेर के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय पुरुषोत्तम मिश्रा ने गुरूवार को नक्सली वीरबल मुर्मू को विस्फोटक अधिनियम की धारा 5 के तहत दोषी पाकर सात वर्ष कारावास की सजा सुनायी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक योगेंद्र मंडल ने बहस में भाग लिया. घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि 11 जून 2012 को बांका जिले के बेलहर थाना पुलिस ने वीरबल मुर्मू को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि खड़गपुर थाना क्षेत्र के कंदनी जंगल में माओवादियों द्वारा जमीन के अंदर विस्फोटक रखा गया है.
पुलिस ने जब उसके बताये स्थान पर तालाशी ली तो वहां से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी. इस संदर्भ में खड़गपुर थाना में कांड संख्या 119/12 दर्ज की गयी थी. सत्रवाद संख्या 778/2014 में सुनवाई के दौरान विद्धान न्यायाधीश ने उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर वीरबल मुर्मू को विस्फोटक अधिनियम की धारा 5 के तहत दोषी पाकर सात वर्ष कारावास की सजा सुनायी. यूं तो इस मामले में यूएपी अधिनियम के साथ ही कई धाराएं लगी थी, लेकिन तकनीकी कारणों से उन धाराओं में आरोप सिद्ध नहीं हो पाया.