कार्रवाई. मुंगेर में पकड़ाते रहे हैं भ्रष्ट अॉफिसर व कर्मचारी
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धराते हैं, लेकिन नहीं छोड़ते घूस
कार्रवाई. मुंगेर में पकड़ाते रहे हैं भ्रष्ट अॉफिसर व कर्मचारी एक और जहां अवैध हथियार निर्माण एवं तस्करी को लेकर पूरे देश में मुंगेर बदनाम है. वहीं दूसरी ओर भ्रष्ट अफसर और कर्मचारी के कारण मुंगेर बदनाम हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में आधे दर्जन भ्रष्ट अफसर व कर्मचारी को विजिलेंस द्वारा रिश्वत लेते […]
एक और जहां अवैध हथियार निर्माण एवं तस्करी को लेकर पूरे देश में मुंगेर बदनाम है. वहीं दूसरी ओर भ्रष्ट अफसर और कर्मचारी के कारण मुंगेर बदनाम हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में आधे दर्जन भ्रष्ट अफसर व कर्मचारी को विजिलेंस द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. इससे यह साबित हो जाता है कि मुंगेर के कार्यालयों में किसी तरह भ्रष्टाचार का बोलबाला है.
मुंगेर : मुंगेर में कभी जिला कृषि पदाधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार हो रहा है, तो कभी देशी चिकित्सा पदाधिकारी घूस लेते गिरफ्तार हुआ. इतना ही नहीं बैंक से कृषि संयत्र पर मिलने वाला अनुदान भी बिना रिश्वत चुकाये मिलना मुश्किल है. मंगलवार को जब पुलिस भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता पंकज कुमार को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया तो एक बार फिर भ्रष्टतंत्र की पोल खुल गयी.
केस स्टडी-1
8 सितंबर 2011को जिले में निगरानी जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने पूर्व नियोजित ढंग से कार्रवाई करते हुए जिला निबंधन कार्यालय मुंगेर के अभिलेख संधारक (रिकार्डपाल) इंद्रदेव चौधरी को पंद्रह सौ रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बहिरा गालिमपुर गांव निवासी पीड़ित कुंजबिहारी सिंह ने इंद्रदेव चौधरी की शिकायत की थी.
केस स्टडी – 2
16 फरवरी 2012 को जिला भविष्य निधि कार्यालय में सोमवार को 1500 रुपये घूस एक व्यक्ति से लेते हुए डाटा ऑपरेटर अमरेंद्र कुमार झा को तत्कालीन सदर एसडीओ महेश कुमार दास ने पकड़ा था. एसडीओ ने उसे पकड़ कर डीएम के हवाले कर दिया था. जिसे बाद में निगरानी न्यायालय पटना को सौंपा दिया गया था.
केस स्टडी – 3
20 सितंबर 2012 को यूको बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक रघुनंदन प्रसाद को सीबीआइ पटना की टीम ने गुरुवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जो कृषि उपकरण की खरीद पर मिलने वाली अनुदान राशि दिलाने के नाम पर रिश्वत ले रहे थे. बेलन बाजार बंगाली टोला निवासी गौतम सिंह (मूल निवासी कुतलुपुर) ने कंबाइंड हार्वेस्टर खरीदने के लिए यूको बैंक से 16 लाख रुपये का कृषि ऋण लिया था. गौतम ने बताया था कि मैनेजर ने मेरा ऋण विगत फरवरी माह 2012 में ही स्वीकृत किया था. मैंने 3.60 लाख रुपये की मार्जिन मनी भी जमा की थी. उस वक्त मैनेजर ने मात्र तीन लाख रुपये ही जमा किए. 60 हजार रुपये बतौर रिश्वत खुद रख लिया था.
केस स्टडी – 4
31 जनवरी 2014 को पटना से आई निगरानी की टीम ने मुंगेर के देशी चिकित्सा पदाधिकारी मो. अशरफ उर्फ अफाक को आठ हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. निगरानी के डीएसपी जमरूद्दीन खान के नेतृत्व में आई टीम ने देशी चिकित्सा पदाधिकारी को पकड़ा था. बताया गया था कि देशी चिकित्सालय में काम करने वाले कर्मी मो. लतीफ की मृत्यु अक्तूबर 2012 में हो गई थी.
सरकारी कर्मी की मौत के बाद मिलने वाले लाभ और अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए जब स्व. लतीफ के पुत्र जाकिर हुसैन ने देशी चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क किया, तो अफाक ने 80 हजार रुपये की डिमांड कर दी. दस हजार रुपये अग्रिम देने और 70 हजार रुपये काम के बाद देने की बात तय हुई थी. देशी चिकित्सा पदाधिकारी अफाक को वर्ष 1991 में भी तीन सौ रुपये रिश्वत लेते निगरानी द्वारा गिरफ्तार किया था.
केस स्टडी – 5
12 जून 2015 को मुंगेर के टैम्पल ऑफ हैनिमैन होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सरयुग कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ बांका जिले के अमृत कुमार निगरानी में शिकायत किया था. उसने कहा था कि होमियोपैथी कॉलेज से वर्ष 2007-2012 सत्र में पढ़ाई की थी. प्रमाण पत्र लेने के एवज में कॉलेज के प्राचार्य उससे 65 हजार रुपये की मांग कर रहे थे.
केस स्टडी – 6
13 जून 2017 को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पुलिस भवन निर्माण निगम के कनीय अभियंता पंकज प्रसाद को 20 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ भवन निर्माण निगम में काम करने वाले संवेदक मयंक कुमार राय ने निगरानी में शिकायत की थी.
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