मधुबनीः जिले में साइंस लैब मोबाइल वैन हाइस्कूल के छात्र छात्रओं में विज्ञान के प्रति अभिरुचि पैदा करेगी. अधिकांश हाइस्कूलों में साइंस लैब नहीं है. सभी हाइस्कूलों में साइंस लैब स्थापित करना काफी महंगा हो सकता है. पर दूर दराज के गांवों में स्थित हाई स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशाला की काफी जरूरत महसूस की जा रही है. इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला कार्यालय ने दो मोबाइल साइंस लैब वैन का प्रस्ताव भी भेजा है.
क्या है साइंस लैब मोबाइल वैन
यह भारत के पूर्व राष्ट्रपति व वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा स्थापित संस्था विकसित भारत मिशन की देन है. इसके माध्यम से कम खर्च में ही कई हाइस्कूलों में छात्र छात्रओं में विज्ञान के प्रति अभिरुचि पैदा की जा सकती है. वैन एक बस के आकार की होगी जिसमें साइंस लैब से संबंधित सभी वैज्ञानिक उपकरण उपलब्ध रहेंगे. विज्ञान से संबंधित कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी वैन में उपलब्ध रहेगी. एक वैन पर साइंस लैब बनाने में 50 लाख रुपये खर्च होंगे. दो साईंस लैब मोबाइल वैन पर एक करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के जिला संभाग प्रभारी पंकज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में दो मोबाइल साइंस लैब वैन खरीदने का प्रस्ताव भेजा गया है. वैन में लैब सहायक भी रहेंगे. दो वैन के मेंटिनेंस पर लगभग 14 लाख रुपये भी खर्च होंगे. एक वैन एक सप्ताह तक एक हाई स्कूल में रहेगा. वहां के छात्र छात्राओं को इस वैन से वह सभी लाभ मिलेगा जो विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित करने से मिलेगा. एक साइंस लैब वैन साल में 35 हाइस्कूल को कवर करेगी. इस चलंत विज्ञान प्रयोगशाला के माध्यम से हाई स्कूल के विज्ञान के छात्र छात्रओं में इनोवेटिव सोच पैदा की जायेगी. जिले के अधिकांश वैसे हाई स्कूल जहां विज्ञान प्रयोगशाला नहीं है वहां के छात्रों को वैज्ञानिक खोज की प्रेरण दी जायेगी. अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों से लैस होगा वैन. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के डीपीओ रामाश्रय प्रसाद का कहना है कि जिले के हाई स्कूलों में छात्र छात्रओं में काफी वैज्ञानिक प्रतिभा है. जरूरत है उनमें इनोवेटिव सोच पैदा करने की.