उपेक्षा. कहीं सड़क की समस्या तो कहीं पानी के लिए जूझ रहे लोग
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चार साल में वार्ड 13 में मिलीं तीन लाख की दो योजनाएं
उपेक्षा. कहीं सड़क की समस्या तो कहीं पानी के लिए जूझ रहे लोग मधुबनी : शहर के विकास के नाम पर बीते चार साल में लाखों रुपये खर्च किये गये हैं. कहीं सड़क बनी तो कहीं नाला. पर शहर का एक वार्ड ऐसा भी है जहां बीते चार साल में मात्र तीन लाख पचास हजार […]
मधुबनी : शहर के विकास के नाम पर बीते चार साल में लाखों रुपये खर्च किये गये हैं. कहीं सड़क बनी तो कहीं नाला. पर शहर का एक वार्ड ऐसा भी है जहां बीते चार साल में मात्र तीन लाख पचास हजार रुपये से दो योजनाएं ही बन सकी है. मानों विकास की हवा तक इस वार्ड को छू कर नहीं गयी है. किसी एक समस्या से लोग परेशान हो जाते हैं. पर यहां तो हर प्रकार की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. ना पेयजल की सुविधा है और ना रोशनी की व्यवस्था.
वार्ड पार्षद के निधन के बाद प्रशासन भी मौन . वार्ड नंबर तेरह बीते करीब डेढ़ साल से अनाथ सा है. एक साल पहले इस वार्ड के पार्षद अनिल मंडल का निधन हो गया, पर इसके बाद तत्काल ना तो उपचुनाव कराया गया और ना ही नप प्रशासन इस वार्ड के विकास को लेकर ही कोई पहल किया गया. ऐसे में वार्ड का विकास किस तरह हो रहा होगा और समस्या का निदान कैसे होगा इसका स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है. वार्ड में हर ओर समस्या ही समस्या है. मुख्य पार्षद भी मौन हैं, प्रशासनिक अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं. जब कभी नप प्रशासन का मन किया इस वार्ड के लोगों को कुछ हाथ उठाकर दे दिया.
विगत दिनों सफाई के लिये कचरा बाल्टी दिया गया था. यह वार्ड पूरे तौर पर नप अधिकारियों के रहमों करम पर है. अधिकार के लिए कोई लड़ने वाला नहीं, हक दिलाने वाला कोई नहीं. जनता अपनी समस्या की फरियाद करे तो किस से. चारों ओर गंदगी, वैपर लाइट नहीं, पेयजल की समस्या. चार साल में मात्र तीन लाख पचास हजार रुपये के दो योजनाएं इस वार्ड को मिली है. एक नाला बना एक क्रॉस पुल. पर इसके अलावे आज तक कोई योजना चार साल में नहीं मिला.
वार्ड में हर तरफ समस्या ही समस्या
सड़क चलने लायक नहीं
वार्ड की सड़कें चलने लायक नहीं है. बीते बारिश में लोगों ने सड़क पर जल जमाव को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी थी. इस आंदोलन को दबाने के लिये मुख्य पार्षद ने तत्काल ही सड़क पर दो ट्रैक्टर ईंट गिरा कर सड़क पर चलने लायक बनाया. पर इसके बाद आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो सकी है. इससे एक बार फिर लोगों में आक्रोश पनपता जा रहा है. वहीं पेयजल की भी समस्या बरकरार है. आलम यह है कि वार्ड के 17 चापाकल में से अधिकतर खराब पड़े हैं. इसे ठीक करने तक की पहल नप प्रशासन ने नहीं की है.
वार्ड- 13 पर एक नजर
आबादी : 5300
परिवार की संख्या : 400
बीपीएल : 289
अंत्योदय : 70
मुख्य मुहल्ला : महाराजगंज, धोबी टोला, मुसलिम टोला
वार्ड पार्षद : कोई नहीं
चापाकल की संख्या : 17
खराब चापाकल : 10
वेपर लाइट : 25
खराब वेपर लाइट : 15
प्राथमिक विद्यालय : 01
मध्य विद्यालय : 01
समस्या : वार्ड पार्षद का निधन, जल जमाव, सफाई की समस्या
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