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कैशलेस. िजला मुख्यालय सहित अन्य जगहों पर 265 प्रतिष्ठानों में लगीं मशीनें

150 नये पॉश मशीन की मांग कैशलेस लेनदेन की ओर बढ़ा रुझान नर्सिंग पूर्वे प्रदीप कुमार के प्रतिष्ठान में कैशलेस भुगतान करते ग्राहक व खादी भंडार की दुकान में कार्ड स्वैप करते खरीदार. मधुबनी : नोटबंदी के एक महीना बाद देश में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने डिजिटल पेमेंट पर कई […]

150 नये पॉश मशीन की मांग कैशलेस लेनदेन की ओर बढ़ा रुझान

नर्सिंग पूर्वे प्रदीप कुमार के प्रतिष्ठान में कैशलेस भुगतान करते ग्राहक व खादी भंडार की दुकान में कार्ड स्वैप करते खरीदार.
मधुबनी : नोटबंदी के एक महीना बाद देश में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने डिजिटल पेमेंट पर कई तरह का छूट का ऐलान किया है. छोटे नोट के कमी के कारण लोग कैशलेस लेनदेन करने की ओर लोगों का झुकाव बढ़ रहा है. जिले में व्यवसायियों ने कैशलेस लेनदेन पर भरोसा जताया है. नो बंदी के बाद कुछ दिनों तक बाजार में बिक्री पर काफी असर पड़ा. व्यवसायियों से लेकर ग्राहकों तक में अफरा तफरी मची रही. हालांकि नोट बंदी से पहले भी जिले में इलेक्ट्रॉनिक लेन देन हो रहे थे. पर यह लेनदेन सिर्फ वे लोग ही कर रहे थे जो बाहर से आकर किसी मौके पर खरीदारी कर रहे थे. इससे व्यवसायियों का भी ध्यान इलेक्ट्रॉनिक लेन देन पर ज्यादा नहीं जा रहा था.
बढ़ा है रुझान. जिले में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है. जिन प्रतिष्ठानों या छोटे-छोटे दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा है. वहां लोग इसका उपयोग कर रहे है. जिले में 300 से अधिक पीओएस मशीन से लेनदेन हो रहे हैं. वहीं इंटरनेट बैंकिंग एवं विभिन्न एप्पस के जरिए ग्राहक भुगतान करते देखे जा रहे है. पहले जहां ग्राहक दुकानदार से पूछते थे कि उनके प्रतिष्ठान में कैशलेस लेनदेन की व्यवस्था है या नहीं. वहीं अब ग्राहक से दुकानदार खरीदारी से पहले पूछ लेते है कि कैशलेस लेन देन करेंगे तो बेहतर होगा.
लोगों को होती है आसानी. शहर के प्रतिष्ठित कपड़ा व्यवसायी प्रदीप कुमार ने कहा कि कैशलेस पेमेंट में जहां लोगों को आसानी हो रही है. वहीं कुछ परेशानी भी व्यवसायियों को हो रही है. कई बार पीओएस मशीन से ग्राहक पेमेंट के लिए खड़े रहते है.पर ट्रैफिक जाम रहने के कारण लोगों को भुगतान करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. वहीं डेबिट कार्ड पर 1.10 एवं क्रेडिट कार्डो पर 2.5 फीसदी सरचार्ज लगता है. ये बंद होना चाहिए. वहीं लेनदेन में सभी तरह के राशि के भुगतान पर एक सामान रूप से सरचार्ज कटनी चाहिए.
जिससे लेनदेन का हिसाब रखने में भी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि अब शहर के प्रतिष्ठानों में पेटीएम, वीजा कार्ड, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग सहित अन्य माध्यमों से कैशलेस लेनदेन किया जाता है.
दी जा रही सुविधा
सेंट्रल बैंक के एलडीएम एमएस अख्तर ने बताया कि कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बैंक की ओर से दी जा रही है. मुख्य रूप से अधिक से अधिक क्रडिट कार्ड या डेबिट कार्ड लोगों को दिया जा रहा है. वहीं नेट बैंकिंग का उपयोग का भी लोगों को सुझाव दिया जा रहा है. पीओएस मशीन डिमांड के अनुरूप दिया जा रहा है. निश्चित तौर पर इसके उपयोग से कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा.
लोगों को किया जा रहा जागरूक
कैशलेस बैंकिंग को लेकर ग्राहकों को जागरूक किया जा रहा है. बैंक के सभी शाखाओं के प्रबंधकों से ग्राहकों को इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने को कहा गया है. वहीं अखबार एवं टीवी के माध्यम से भी ग्राहकों को इसकी व्यापक जानकारी दी जा रही है.
75 फीसदी ग्राहक कर रहे हैं कार्ड से लेनदेन
जिन प्रतिष्ठानों में पॉस मशीन है उस प्रतिष्ठान में अब बिल का भुगतान 75 से 80 फीसदी तक कैश लेस यानी कार्ड से किया जाता है. पहले कुल खरीदार के पांच फीसदी ग्राहक ही कैशलेस लेन देन करते थे. वहीं अब यह आंकड़ा 80 फीसदी तक पहुंच चुका है. आंकड़ों के मुताबिक कैशलेस लेनदेन के लिए 265 प्रतिष्ठानों पर पीओएस मशीन लगाया गया था. अब जबकि नोटों की कमी के कारण लेनदेन प्रभावित हुई तो व्यवसायियों ने भी पीओएस मशीन लगाना शुरू कर दिया है. बैंक सूत्रों की मानें तो करीब 150 नये पीओएस मशीन की डिमांड हुई है. जिसमें से 50 से अधिक मशीन लगा दिये गये है. वहीं इंटरनेट बैंकिंग तथा विभिन्न एप्पस के जरिए लोग बिल का भुगतान आसानी से कर रहे है. अब शहर के कई ऐसे प्रतिष्ठान है जो कैशलेस लेनदेन में ज्यादा भरोसा कर रहे है.
गिलेशन मंडी में मात्र एक स्वैप मशीन
शहर का मुख्य किराना मंडी गिलेशन बाजार में नोटबंदी से पूर्व जहां प्रतिदिन डेढ़ से दो करोड़ रुपये का कारोबार होता था. वहीं अब यहां का व्यवसाय प्रतिदिन मात्र 10 से 15 लाख रुपये में सिमट कर रह गया है. अब तक यहां नकदी लेनदेन ही मुख्य रूप से हो रहा है. गिलेशन बाजार किराना व्यवसायी संघ के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद बताते है कि नोट बंदी के बाद व्यवसाय पर काफी प्रभाव पड़ा है. श्री प्रसाद ने बताया कि गिलेशन बाजार में थोक एवं खुदरा व्यवसायियों की संख्या लगभग 100 है. जिसमें महज एक व्यवसायी के पास ही स्वैप मशीन उपलब्ध है. हालांकि, अधिकांश व्यवसायी बाजार की स्थिति और सरकार के रवैये को देखते हुए स्वैप मशीन लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. जब तक सभी दुकानदारों के पास स्वैप मशीन उपलब्ध नहीं हो जाता तब तक बाजार में कारोबार इसी प्रकार प्रभावित रहेगा.
यूपीआइ से कर सकते हैं 27 शाखाओं से बैंकिंग
यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) एसबीआई पे एप्प को मोबाइल में डाउनलोड कर 27 बैंकों से डिजिटल बैंकिंग की सेवा का लाभ ले सकते है. अगर आपके पास एक से अधिक बैंको में अकाउंट है तो भी इसी एक एप्प के जरिए 27 बैंकों से बैंकिंग सेवा का लाभ ले सकते हैं. इसके माध्यम से आप अपने एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसा का ट्रांसफर, बैंक स्टेटमेंट, बैलेंस इनक्वायरी सहित कई सेवाओं का लाभ ले सकते है. ये जानकारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया रिजन 4 के क्षेत्रीय प्रबंधक अजित कुमार पोद्दार ने दी. श्री पोद्दार ने कहा कि अब सरकार कैशलेस बैंकिंग को बढ़ावा देने की बात कर रही है. नोट बंदी से पूर्व बाजार में जितने नोट थे. अब उतने नोट बाजार में उपलब्ध नहीं रहेंगे. इसमें करीब 30 से 40 प्रतिशत की कमी होगी. इसी को लेकर कैशलेस बैंकिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, पीओएस मशीन आदि सेवाओं के जरिये कैशलेस बैंकिंग की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जल्द ही पीओएस मशीन का रेंट कम किया जायेगा. आने वाले समय में ग्राहकों के लगने चार्ज को बहुत हद कम करने की सरकार की तैयारी है. कैशलेस बैंकिंग से जाली नोट के झंझट से निजात मिलेगी. वहीं आम लोग व व्यापारी सुरक्षित होकर हर तरह के लेनदेन काम कर सकेंगे. कैशलेस बैंकिंग के लिए बैंक प्रबंधको व ग्राहकों को विशेष जानकारी दी जा रही है.
बिना इंटरनेट के कर सकते हैं बैंकिंग
जिन ग्राहकों के मोबाइल में इंटरनेट सुविधा नहीं है वे बिना इसके भी डिजिटल बैंकिंग सेवा का लाभ अपने मोबाइल से ले सकते है. इसके लिए बैंक खाता में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से *99# पर कॉल करना होगा. इसके बाद आपके मोबाइल पर ऑप्सन होगा जिसके तहत आप अकाउंट बैलेंस, मिनी स्टेटमेंट, ओटीपी, सेंड मनी आदि सेवाओं का लाभ ले सकते है. इसके लिए ग्राहकों को एसएमएस का मामूली सा शुल्क लगेगा.आरएम अजित कुमार पोद्दार ने बताया कि जिले में पीओएस मशीन की मांग काफी बढ़ी है. जहां पहले करीब ढ़ाई सौ पीओएस मशीन विभिन्न व्यावसायिक केंद्रों पर लगे थे. नोट बंदी के बाद करीब 150 की डिमांड हुई है. जिसमें से 50 मशीन लगा दिये गये है. ग्राहक इस मशीन के द्वारा डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर बिल का भुगतान कर सकते है. इसके लिए मामूली सा चार्ज लगता है.
यह चार्ज पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी पर पेमेंट करने पर नहीं लगता है.

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