मधुबनी : नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य महकमा कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है. इसके तहत पीएचसी स्तर पर वारमर कीट लगाया गया है. वहीं सदर अस्पताल में विशेष नवजात केयर यूनिट की स्थापना की गयी है.राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नवजात कन्या मृत्यु दर को कम करने के लिए कई निर्देश दिया गया है. मसलन प्रसव पूर्व नौ माह के दौरान गर्भवती महिला को एएनएम आशा व आंगनबाड़ी सेविका द्वारा विशेष रूप से ख्याल रखने का परामर्श दिया जाए.
इसके अलावा नवजात कन्या शिशु को अधिक से अधिक एसएनसीयू में रेफर करें. जहां उसका उपचार व देखभाल अच्छी तरीके से हो सके. आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2014 में नवजात मृत्यु दर 28, शिशु मृत्यु दर 42 तथा पांच वर्ष से कम उम्र बच्चों की मृत्यु दर 54 है. वहीं वर्ष 15-16 में एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं की संख्यां में 63 नवजात शिशु लड़का व 37 नवजात शिशु लड़की का प्रतिशत रहा जो कन्या शिशु की उतर जीविता के प्रति जागरूकता में कमी को दर्शाता है. लिहाजा अब कन्या नवजात की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जागरूकता के साथ-साथ विशेष नवजात केयर यूनिट में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है.