मधुबनी/बाबूबरहीः ऐतिहासिक बलिराजगढ़ में पुरातत्व विभाग की सर्वेक्षण दल ने गुरुवार से खुदाई कार्य आरंभ कर दिया है. इस मौके पर इलाके के सैकड़ों लोग खुदाई स्थल पर उमड़े थे. करीब 41 वर्षो के बाद तीसरी बार शुरू हुए खुदाई कार्य के मौके पर राज्य योजना पर्षद के सदस्य संजय झा ने कहा कि मिथिलांचल का असली इतिहास बलिराजगढ़ की खुदाई के साथ ही दुनिया के सामने आयेगी. दशकों से यहां मिथिला की स्वर्णिम इतिहास दफन है.
इसे पटल पर लाना जरूरी है. ताकि दुनिया हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से अवगत हो सके. उन्होंने कार्य स्थल पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विशेष पहल ही भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण दल ने खुदाई कार्य शुरू की है. इस खुदाई के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई. तमाम बाधा पैदा होने वाले संभावनाओं को ध्यान में रख कर आधुनिक तकनीकी की पहलुओं को योजनाबद्ध किया गया है. यही वजह है कि खुदाई शुरू करने से पहले ही आने वाले दिक्कतों को दूर करने के उपाय किये जा चुके है.
स्पष्ट मंशा है कि किसी भी तरह अगर खुदाई कार्य पूरा हो गया तो देश और दुनिया को बलिराजगढ़ के जरिये मिथिला की सशक्त इतिहास से रूबरू कराया जा सके. वहीं पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पटना के अधीक्षण मदन सिंह चौहान ने कहा कि यह इलाका बाढ़ प्रभावित रहा है. यही वजह रही है कि पूर्व की खुदाई के दौरान पानी निकल आता था. इसको लेकर विभाग ने आधुनिक एहतियात उपाय किये है. अब अंदर से निकलने वाली पानी खुदाई में बाधक नहीं बनेगा. मौके पर डीएम लोकेश कुमार सिंह, एसपी रंजीत मिश्र समेत कई लोग उपस्थित थे.