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नेपाली शराब की अिधक पैमाने पर हो रही तस्करी

कार्रवाई. भारत-नेपाल सीमा पर रहने वालों से अिधक परेशानी मधुबनी : विगत एक अप्रैल से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद नेपाल में निर्मित शराब को व्यापक पैमाने पर खपाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इन एक माह में एसएसबी कैंपों के द्वारा किये गये छापेमारी व तलाशी अभियान में यह बात […]

कार्रवाई. भारत-नेपाल सीमा पर रहने वालों से अिधक परेशानी

मधुबनी : विगत एक अप्रैल से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद नेपाल में निर्मित शराब को व्यापक पैमाने पर खपाने के प्रयास किये जा रहे हैं. इन एक माह में एसएसबी कैंपों के द्वारा किये गये छापेमारी व तलाशी अभियान में यह बात सामने आयी है कि नेपाल में निर्मित शराब को खपाने की फिराक में कारोबारी लगे हैं.
जब्त शराब में प्राय: नेपाल के सौफी व अन्य शराब की मात्रा ही अधिक है. हालांकि इसमें एसएसबी को भारी परेशानी हो रही है. जिस प्रकार से भारत नेपाल सीमा पर लोगों ने अपने घर बना लिये हैं व जो नियम लागू है उससे कारोबारियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.
इसमें एएसएसबी जवानों को भारी परेशानी होती है. 35 वी वाहिनी लौकहा एसएसबी कंपनी कमांडेंट रमाकांत पाठक की मानें तो कई बार कारोबारियों का जब पीछा किया जाता है तो वे भारत से सटे नेपाल के सीमा पार चले जाते हैं जहां फिर एसएसबी जवान कुछ नहीं कर पाते.
दिन में भी होता है सघन मार्च
शराब तस्करी पर पूरी तरह रोक लगाने के दिशा में व्यापक रूप से पहल हो रही है. लौकहा एसएसबी जवान ना सिर्फ रातों को गश्त करते हैं बल्कि पूरा बटालियन दिन में फ्लैग मार्च निकालते है. इस दौरान ये स्थानीय लोगों से शराब के कारोबारियों का सहयोग नहीं किये जाने की अपील करते हैं.
जब्त 219 बोतल में 215 नेपाली शराब
रात को करते हैं कारोबार
एसएसबी कंपनी कमांडेंट रमाकांत पाठक बताते हैं कि रात को कारोबारी नेपाल से शराब की खेप को भारतीय क्षेत्र में खपाने की अधिक कोशिश करते हैं. इसमें कई बार ये कारोबारी एसएसबी जवानों को देखते ही नेपाल के क्षेत्र में सीमा पर बने स्थानीय लोगों का सहारा लेते हैं.
स्थानीय लोग भी कुछ रुपयों के लालच में इन कारोबारियों का साथ देने में परहेज नहीं करते. स्थानीय लोग अपने अपने घरों में शराब को छुपा कर रख लेते हैं. जिसे बाद में उपयुक्त समय देख कर भारतीय क्षेत्र में खपा दिया जाता है.

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