-मैथिली फिल्म महोत्सव का दूसरा वार्षिकोत्सव नेपाल में संपन्न
मधुबनीः नेपाल के उपराष्ट्रपति परमानंद झा ने कहा कि मैथिली भाषा की विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान है, लेकिन मैथिली फिल्म जगत की दशा देखकर उदासी होती है. ऐसे में मैथिली फिल्म के विकास के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार की जरूरत है.
श्री झा बुधवार को नेपाल के झाला स्थित मधेश मीडिया हाउस में आयोजित मैथिली फिल्म के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैथिली भाषियों की तादाद नेपाल व भारत में काफी है. मैथिली कला संस्कृति व सभ्यता की चर्चा विश्व स्तर पर होती है. बावजूद इसके मैथिली फिल्म के विकास व उत्थान के लिए अब भी एक कारगर प्रयास की आवश्यकता है. जरूरत है कि मैथिली के विकास के लिए नेपाल व भारत को मिल कर काम करना चाहिए. दोनों देश जब इस दिशा में सामूहिक प्रयास करेंगे, तभी इसका विकास संभव हो पायेगा. इसी बीच उन्होंने मैथिली रंगकर्मियों की प्रशंसा की, क्योंकि दर्शकों के अभाव के बावजूद इनका हौसला बरकरार है. उन्होंने मैथिली फिल्म, धारावाहिक, नाटक आदि का प्रसारण नेपाली राष्ट्रीय चैनल पर करवाने की प्रतिबद्धता को दोहराया.
इस मौके पर मैथिली जगत के प्रसिद्ध गायक व गीतकार गुरुदेव कामत ने कहा कि अमूमन मैथिली फिल्म का निर्माण औने पौने बजट में कर लिया जाता है. यही वजह है कि फिल्म स्तरीय नहीं बन पाती है. फिल्म निर्माण के दौरान बजट का ख्याल रख स्तरीय बनानी चाहिए. उन्होंने मैथिली फिल्म जगत में बड़े निर्माताओं के अभाव पर चिंता व्यक्त की. कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति परमानंद झा ने 30 मैथिली सिनेकर्मी व रंगकर्मियों को सम्मानित किया. इसमें सात सिनेकर्मी को सम्मान पत्र तथा 23 को प्रशंसा पत्र दिया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध मैथिली रंगकर्मी राधेश्याम विश्वकर्मा ने की.