मधुबनी : सहकारिता से संबंधित कार्य धान अधिप्राप्ति को लेकर काफी प्रभावित हो रहा है. कॉपरेटिव के अध्यक्ष नवेंद्र झा ने कॉपरेटिव बैंक के सभागार में एक बयान जारी कर कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया के कारण बैंक और समिति अपना मूल कार्य से पिछड़ रही है. समिति के सदस्य किसान से संबंधित समस्या […]
मधुबनी : सहकारिता से संबंधित कार्य धान अधिप्राप्ति को लेकर काफी प्रभावित हो रहा है. कॉपरेटिव के अध्यक्ष नवेंद्र झा ने कॉपरेटिव बैंक के सभागार में एक बयान जारी कर कहा कि धान खरीद की प्रक्रिया के कारण बैंक और समिति अपना मूल कार्य से पिछड़ रही है. समिति के सदस्य किसान से संबंधित समस्या पर ध्यान नहीं दे पाती है.
क्योंकि सरकार द्वारा प्रत्येक समिति को धान खरीद का लक्ष्य दिया जाता है. जिस कारण समिति किसान क्रेडिट कार्ड ,बुनकर क्रेडिट कार्ड, एटीएम, माइक्रो एटीएम चालू कराना, समितियों में जमा वृद्धि योजना चालू कराना सहित अन्य कार्य धान अधिप्राप्ति कार्य के कारण बंद हैं.
अध्यक्ष श्री झा ने बताया कि धान अधिप्राप्ति के लिए बैंक जो समिति को राशि उपलब्ध कराती है.
वह समय से बैंक को नहीं मिल पाता है. जिस कारण बैंक को प्रत्येक साल 10.5 फीसदी सूद बिहार कॉपरेटिव सोसाइटी को देना पड़ता है. श्री झा ने बताया कि वर्ष 2014-15 में पैक्स के ऊपर एक करोड़ 68 लाख रुपया बकाया है. वहीं बैंक द्वारा किसानों को धान के लिए 25 करोड़ रुपया बैंक आरटीजीएस व नेफ्ट कर चुका है.
समिति द्वारा सभी धान एसएफसी व मिलर को दे दिया गया है. लेकिन बैंक को अभी तक एसएफसी के तरह से सिर्फ 12 करोड़ ही बैंक को दिया गया है. बांकी के 13 करोड़ रुपया अभी भी एसएफसी पर बकाया है. जिस कारण बैंक के बैलेंस सीट में कमी आया है. श्री झा ने बताया कि अगर यही हाल रहा तो बैंक अधिकोष घाटे में जा सकता है.
अध्यक्ष ने बताया कि अगर सरकार किसान का हित चाहती है तो कॉपरेटिव को धान अधिप्राप्ति कार्य से अलग करें. ताकि सहकारिता अपने मूल उद्देश्य को पूरा कर किसानों को सहायता कर सके. श्री झा ने बताया कि अगर कॉपरेटिव मछुआ पालन योजना पर राशि खर्च को तो एक साल में ही बैंक को अपना राशि उपलब्ध हो जायेगा और किसानों को भी फायदा होगा.