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प्रभात इंपैक्ट. खबर प्रकाशित होने के बाद नगर परिषद प्रशासन आया हरकत में

अशोक मार्केट की मरम्मत हुई शुरू मार्केट के जर्जर छज्जे को तोड़ा जा रहा नप को मार्केट से मिलता है 12 हजार रुपये महीना मधुबनी : शहर के थाना चौक स्थित नगर परिषद के अशोक मार्केट के मरम्मता का कार्य शुरू हो गया है. दरअसल, प्रभात खबर के तीन जनवरी के अंक में ”अशोक मार्केट […]

अशोक मार्केट की मरम्मत हुई शुरू

मार्केट के जर्जर छज्जे को तोड़ा जा रहा
नप को मार्केट से मिलता है 12 हजार रुपये महीना
मधुबनी : शहर के थाना चौक स्थित नगर परिषद के अशोक मार्केट के मरम्मता का कार्य शुरू हो गया है. दरअसल, प्रभात खबर के तीन जनवरी के अंक में ”अशोक मार्केट हादसों को दे रहा आमंत्रण” शीर्षक से छपी खबर से नगर परिषद प्रशासन हरकत में आयी. रविवार को मार्केट के छज्जे से निकलते सरिया को मजदूर लगाकर तोड़ने का काम शुरू कर दिया है.
हालांकि नगर परिषद प्रशासन ने नोटिस जारी कर खाली कराने का आदेश दिया था, लेकिन इसके निरीक्षण के बाद तत्काल मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है. 28 साल पहले 1987 ई. में थाना मोड़ के समीप 20 कमरों वाला अशोक मार्केट का निर्माण नगर परिषद द्वारा करवाया गया था. गौरतलब है कि तत्कालिन मधुबनी के डीएम अशोक सिंह थे. उन्हीं के नाम पर इसका नामांकरण अशोक मार्केट किया गया. सवा तीन रुपये वर्ग प्रति वर्ग फीट के हिसाब से 12 हजार रुपया प्रति महीना किराया प्राप्त होता है.
1987 में हुआ था निर्माण
शहर के मध्य थाना चौक के समीप अशोक मार्केट का निर्माण 1987 ई में कराया गया था. जिसे नगर परिषद किराये पर लगाया है. इसके ग्राउंड फ्लोर तथा प्रथम तल पर दस दस कमरे हैं. इसमें किराये की दुकान चल रही है. यहां मेडिसिन, जलपान गृह, फोटो स्टेट, रेडिमेड वस्त्र आदि के दुकान हैं. जहां सैकड़ों खरीदार रोजाना पहुंचते हैं.
1.44 लाख सलाना आमदनी
अशोक मार्केट के 20 कमरे से नगर परिषद को सालाना एक लाख 44 हजार राजस्व की प्राप्ति होती है. जिसे विभाग शहर के विकास कार्यों में खर्च करती है. विभाग की माने तो इसका किराया भी समय से जमा किया जा रहा है. शहर के मुख्य जगह पर रहने के कारण यह मार्केट काफी चर्चित है. अमूमन माना जा रहा है कि शहर का प्रत्येक परिवार यहां खरीदारी को पहुंचता है.
होगी वैक्लपिक व्यवस्था
शहर में अशोक मार्केट के मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है. दरअसल, 1987 में निर्मित इस मार्केट के धज्जे व प्लास्टर गिरने लगे थे. इसको लेकर नगर परिषद प्रशासन ने गंभीरता से लिया था. विभाग ने किरायेदारों को खाली कराने का नोटिस भी जारी किया था, लेकिन किरायेदार वैकिल्पक व्यवस्था की मांग कर रहे थे. विभाग ने तत्काल इसका मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है. इससे अनहोनी की आशंका टाली जा सके.
कई परिवारों को होता है गुजारा
दरअसल, शहर में स्थित अशोक मार्केट 20 कमरे में कई दुकानें चलती हैं. 25 साल से यहां जलपान गृह, रेडिमेड सेंटर, मेडिसिन काउंटर चलते हैं. यहां करीब एक सौ से अधिक लोग रोजगार से किसी न किसी रूप से जुड़े हैं. इस रोजगार के माध्यम से अपने परिवार का भरन पोषण चलता है. अगर यहां से मार्केट को खाली कराया जायेगा तो दर्जनों लोग बेरोजगार हो जायेंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने कहा कि अशोक मार्केट का छज्जे व प्लास्टर गिर रहे थे. इसका मरम्मत कार्य कराया जा रहा है. इससे इसके गिरने की आशंका से होने वाला खतरा कम हो जायेगा.

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