मधुबनीः सदर अस्पताल परिसर में आरएनटीसीपी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. हरेंद्र कुमार आलोक ने वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षकों व वरीय यक्ष्मा प्रयोगशाला पर्यवेक्षकों को कहा कि वे वैसे मरीजों की सूची दें. जिन पर टीवी की दवा का असर नहीं होता है. उन्होंने लाइन लिस्टिंग करने का निर्देश दिया.
सैंपल कलेक्शन के संबंध में भी उन्हें आवश्यक निर्देश दिये गये. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. आलोक ने कहा कि टीवी को भारत सरकार ने नोटिफाइड डिजीज घोषित कर दिया है. इसके बाद अब सभी डॉक्टरों व नर्सिग होम के लिये यह जरूरी हो गया है कि वे उन टीवी मरीजों की जानकारी सदर अस्पताल के जिला यक्ष्मा कार्यालय में दें जिसका वे इलाज कर रहे है. बैठक में टीबी मरीजों के वर्गीकरण पर भी प्रकाश डाला गया. इस अवसर पर टीबी एचआइवी समन्वयक समिति की भी बैठक आयोजित की गई. बैठक में कहा गया कि सभी टीबी मरीजों का एचआइवी जांच जरूरी है.
साथ ही जो एचआइवी पॉजिटिव है उसको भी टीबी का जांच कराना है. सितंबर माह में पूरे जिले में 183 मरीज टीबी के पाये गये जिसमें 139 की एचआईवी जांच की गई. इसमें छह मरीज एचआइवी पॉजिटिव मिले. एआरटी के काउंसलर और सदर अस्पताल के आइसीटीसीटी के काउंसलर भी इस अवसर पर उपस्थित थे. बैठक में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने शत प्रतिशत मरीजों को डॉट सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. केस डिटेक्शन रेट बढ़ाने को भी कहा. एमडीआर के संदिग्ध मरीजों की लाइन लिस्टिंग करने का भी निर्देश दिया.