मधुबनीः झंझारपुर के सांसद मंगनी लाल मंडल की पत्नी चौठिया देवी उर्फ सुनीता देवी ने व्यवहार न्यायालय स्थित परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बलराम दूबे के न्यायालय में याचिका दाखिल की है. इसमें भरण पोषण के लिये सांसद से 50 हजार रुपये मासिक दिलाने की मांग की गयी है.
सांसद पत्नी ने अपने आवेदन में कहा कि हिंदू रीति रिवाज के साथ 45 वर्ष पहले शादी हुई थी. न्यायालय में दाखिल आवेदन में कहा गया कि विवाह के कुछ वर्षो तक वह तीन पुत्र आलोक रंजन, आशीष रंजन, अभिषेक रंजन और पुत्री अंजली व अर्चना पर अच्छी प्रकार ध्यान दिया करते थे.
20 वर्ष पूर्व आरती देवी से कथित संबंध स्थापित हो गया. इससे गांव में रहने पर विवश हो गयी. उन्होंने आवेदन में पैतृक संपत्ति आरती देवी के नाम रजिस्ट्री करने की भी बात कही है. मना करने पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया गया है. साथ ही कहा है कि लाखों रुपये प्रतिमाह की आमदनी के बाद भी वह 1992 से भुखमरी की शिकार है. उन्होंने आवेदन में भरण पोषण के लिये पचास हजार रुपये प्रतिमाह दिलाने की न्यायालय से गुहार लगायी है.
सांसद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
आवेदिका की अधिवक्ता कृष्ण देव यादव ने बताया कि आवेदन पर सुनवाई 30 अक्तूबर 2013 को होगा. साथ ही कहा कि इससे पहले सांसद पुत्र आशीष रंजन द्वारा फुलपरास थाना में दर्ज कराये गये मामले में सांसद मंगनी लाल मंडल की अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है.
जदयू से चुनाव न लड़ने एवं राजद के समर्थन में दिये बयान से उत्पन्न राजनीतिक हड़कंप का यह हिस्सा है. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रखने वाले साजिश कर परिवार के सदस्यों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को उभार रहे हैं. उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप व गांव की संपत्ति पर उनकी पहली पत्नी का ही हक है, इसलिए परिवार की उपेक्षा का आरोप सर्वथा अनुचित है.
मंगनीलाल मंडल, सांसद झंझारपुर