जयनगर, मधुबनीः आसाराम के बेटे नारायण सांईं के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोप की जांच के सिलसिले में जयनगर पहुंची गुजरात पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. मंगलवार को सूरत के जहांगीर थाने की पुलिस जयनगर पहुंची थी. स्थानीय पुलिस की मदद से सूरत पुलिस ने यहां के एक दवा दुकानदार बसंत साह से नारायण सांईं के संबंध में पूछताछ की. बसंत साह ने बताया कि मैंने 1997 में दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में दीक्षा ली थी. इसके बाद 1998 में उनकी पत्नी पिंकी देवी ने दीक्षा ली थी. 2002 में बेटे हरिओम भी आसाराम के शिष्य बने थे.
उसने गुजरात पुलिस को बताया कि 2003 में जयनगर के हाइस्कूल मैदान में नारायण सांईं का शिविर लगा था. 18 से 22 अप्रैल तक शिविर चला था. इसके संयोजक प्रो नवल किशोर सिंह थे, जो मुजफ्फरपुर के आरडीएस कॉलेज में पढ़ाते थे. उनकी तीन साल पहले मृत्यु हो चुकी है. जयनगर में शिविर के दौरान कई लोगों ने नारायण सांईं से दीक्षा ली थी. 22 अप्रैल को शिविर के बाद नारायण सांईं नेपाल के जनकपुर चले गये थे. वहां जानकी मंदिर के पास उनका शिविर लगा था. इसके बाद वह नेपाल की राजधानी काठमांडो गये थे. वहां से कब लौटे, इसके बारे में मुङो पता नहीं है.
बसंत साह ने सूरत पुलिस को बताया, जयनगर के शिविर में मैं शिष्य की तरह शामिल हुआ था. इसके बाद में जनकपुर के शिविर में भी गया था, लेकिन इसके बाद उसकी नारायण सांईं से मेरी बात नहीं हुई. लगभग 20 मिनट तक पूछताछ के बाद बसंत साह को थाने से जाने दिया गया गया. इसके बाद सूरत पुलिस लौट गयी. जयनगर के थानाप्रभारी पवन कुमार सिंह ने बसंत साह से पूछताछ की पुष्टि की. उनका कहना था, तीन सदस्यीय सूरत पुलिस की टीम आयी थी. उसने मदद मांगी थी. मधुबनी एसपी रंजीत कुमार मिश्र ने जयनगर में सूरत पुलिस के आने की पुष्टि की है.
मालूम हो कि सूरत की जिस लड़की ने नारायण सांईं के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है, उसने पुलिस को बयान दिया है कि वह मधुबनी के जयनगर के शिविर में गयी थी और वहां पर भी नारायण सांईं ने उसका यौन शोषण किया था.