मधुबनी : फुलपरास थाना क्षेत्र में अनुसंधानकर्ता को उसके कार्य में बाधा पहुंचाने व हमला करने के मामले में षष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमाकांत यादव के न्यायालय में सजा की बिंदु पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फुलपरास निवासी आरोपी लखन साह को दफा 333, भादवि में दस वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
Advertisement
सरकारी काम में बाधा डालने पर 12 वर्ष की कैद
मधुबनी : फुलपरास थाना क्षेत्र में अनुसंधानकर्ता को उसके कार्य में बाधा पहुंचाने व हमला करने के मामले में षष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमाकांत यादव के न्यायालय में सजा की बिंदु पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फुलपरास निवासी आरोपी लखन साह को दफा 333, […]
वहीं दफा 504 भादवि में दो साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. दोनों सजा अलग-अलग चलेगी. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कैलाश कुमार साह ने बहस करते हुए अधिक से अधिक सजा की मांग की थी. वहीं न्यायालय द्वारा नियुक्त बचाव पक्ष से अधिवक्ता श्याम सुन्दर यादव ने बहस किया था.
क्या है मामला. अभियोजन के अनुसार आरोपी लखन साह पहले से ही फुलपरास थाना कांड संख्या 167/15 का वारंटी था. गुप्त सूचना के आधार पर अनुसंधानकर्ता 3 सितंबर 2015 को सिसवा बरही स्थित दुर्गा मंदिर के पास उसे गिरफ्तार करने गई. जब पुलिस द्वारा आरोपी को पकड़ना चाहा तो आरोपी लखन साह गाली देते हुए खुखरी से हमला कर दिया था.
जिससे अनुसंधानकर्ता बालेश्वर तिवारी बचने का प्रयास किया था. जिससे खुखरी से बांया अंगुली कट गया. बाद में पुलिस द्वारा खुखरी सहित लखन साह को गिरफ्तार किया था. इस बावत तत्कालीन एएसआइ वालेश्वर तिवारी द्वारा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने एवं जानलेवा हमले के आरोप में फुलपरास थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement