मधुबनी/सकरीः पिछले बीस वर्षो से बकाये भुगतान की आस लगाये बिहार चीनी निगम के मिलों में कार्यरत रहे कर्मियों की उम्मीद जल्द ही धरातल में अमलीजामा पहनेगी़. इसके लिए विभाग की तैयारी तेज हो गयी है़. भुगतान के मामले को लेकर लंबे समय से संघर्षरत रहे मजदूर संघ को विभाग ने भरोसा दिलाया है कि आगामी अगस्त माह के अंत तक सभी बंद चीनी मिल के कर्मियों को तमाम बकाये वेतनादि का भुगतान सुनिश्चित कर दिया जायेगा़. साथ ही यह भी आश्वासन मिला है कि अब इस मामले को लेकर सभी बैठकों का दौर खत्म किये जायेंग़े.
वहीं ईख व श्रम विभाग ने संयुक्त रूप से आकलन कर बकाये मद की राशि निर्धारित कर ली गयी है़. इस राशि को इकाई स्तर पर वितरण कराया जायेगा़, ताकि कामगारों को फिर से भुगतान के लिए कहीं भी भटकना नहीं पडे. इसके लिए सभी प्रक्रिया को पूरी कर ली गयी है. यदि कोई दिक्कतें बची होगी तो उसे समय से पूर्व पूरा कर लिया जायेगा़. बताते चले कि विगत नौ मई को पटना में श्रम विभाग के प्रधान सचिव के कक्ष में बैठक के बाद उक्त फैसला लिया गया़. त्रिपक्षीय वार्ता के लिए हुई बैठक में श्रम सचिव संजय कुमार, ईख आयुक्त चितरंज कुमार सिंह, प्रभारी चीनी निगम मृत्युजंय कुमार, संयुक्त ईख आयुक्त एस एन लाल व मजदूर संघ की ओर से अघनू यादव ने हिस्सा लिया़.
166 98 करोड़ का होगा भुगतान
इस संबंध में समन्वय समिति के सदस्य अघनू यादव ने बताया कि बैठक में श्रम विभाग व ईख विभाग ने संयुक्त रूप से बकाये भुगतान की राशि को लेकर चर्चा की़ इसमें यह बताया गया कि अब सिर्फ चुनिंदा मिलों के बदले बंद सभी मिलों के कर्मियों के बकाये वेतनादि का भुगतान होगा़ इसलिए विभाग ने त्रिपक्षीय समझौता वार्ता के दौरान बंद नौ मिलों के करीब 10 हजार कर्मियों के भुगतान के लिए 166़ 98 करोड़ की मंजूरी दी है. इसमें सकरी, लोहट, समस्तीपुर, बनमंखी, गोरौल, गोरारू, सीवान, न्यू सीवान, हथुआ, वारसलिगंज शामिल है़ यहां बता दे कि इन कर्मियों का वर्ष 1994 से वेतनादि मद में बकाया है. इसमें सकरी मिल कर्मियों का करीब 17 करोड़ व लोहट के 22 करोड़ बकाया है.
अनुपूरक बजट से मिलेगी स्वीकृति
विभाग के भुगतान संबंधी फैसला को एक बार फिर सरकार के पास भेजा जायेगा़ ताकि सरकार के कैबिनेट में विभागीय फैसला पर विचार कर अनुपूरक बजट के माध्यम से बकाये मद की राशि की स्वीकृति मिल सक़े हालांकि सरकार ने वर्ष 2012-13 में सकरी मिल के लिए 13़62 करोड़ की स्वीकृति दी थी़ पर यह राशि विभागीय पेंच के कारण वितरित नहीं हो सका़ अब इसका दायरा सभी बंद नौ मिलों के लिए होगा़
फटकार के बाद हरकत में आया विभाग
लंबे समय से भुगतान के लिए एड़ियां रगड़ रहे मजदूर संघ को दो अप्रैल के बाद राहत मिली़ दरअसल, मामले को लेकर हिंद मजदूर सभा के प्रांतीय महामंत्री अघनू यादव सीएम नीतीश कुमार से मिले थ़े. सीएम ने भुगतान नहीं होने की बात को गंभीरता से लिया व विभाग को एक समय सीमा के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया था़ साथ ही अनुपालन नहीं होने के हालात में वरीय अधिकारियों के विरुद्घ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी़. इस फटकार के बाद ईख विभाग हरकत में आया़ इस दौरान सरकार की ओर से कहा गया था कि चूंकि सभी मिल निगम के अधीन है. ऐसे में बंद मिलों के भुगतान की सभी जवाबदेही सरकार की होती है़. इसलिए जरूरी है कि सभी बंद मिलों के बकाये वेतनादि का भुगतान सुनिश्चित कराया जाय़ इसके लिए निवेशक को मिल हस्तांतरण की बाध्यता को भी खत्म कर दिया गया़
20 वर्षों से लगाये थे आस
विभाग के भुगतान को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया से सूबे में निगम के बंद नौ चीनी मिल के करीब 10 से अधिक मिल कर्मी को लाभ होगा़ ये कर्मी पिछले बीस वर्षों से भुगतान की आस लगाये हुये हैं. हिंद मजदूर सभा के प्रांतीय महामंत्री अघनू यादव ने बताया हैं कि वेतनादि भुगतान की आस में सिर्फ सकरी व लोहट चीनी मिल के करीब 300 से अधिक कामगार दम तोड़ चुके हैं. जबकि बंद नौ चीनी मिलों के दस हजार कर्मियों में करीब सात हजार से अधिक कामगार सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इसमें लोहट मिल के करीब 600 व सकरी मिल के करीब 500 कर्मी को सेवांत लाभ अब तक नहीं मिल सका है, जबकि सरकारी नियम के अनुसार सेवानिवृत्ति के एक माह के अंदर सेवांत लाभ का भुगतान मिल जाना चाहिए था़.