मधुबनीः जिले में पेयजल संकट गहराता जा रहा है़ जल्द ही जिला मुख्यालय के लोग पीने के पानी के लिये भटकेंग़े दरअसल जिले में पानी का जलस्तर जिस प्रकार से नीचे जा रहा है. उससे चापाकल से पानी निकलना बंद होता जा रहा है़ सबसे खराब स्थिति जिला मुख्यालय एवं खुटौना के बरैल क्षेत्र का है़. पीएचइडी विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिस क्षेत्र में आई एम मार्का 3 या 2 लगा हुआ है उसी चापाकल से ही पानी निकल सकेगा़. सिंगूर या अन्य चापाकल पानी एक एक कर खराब हो जायेगा़.
पेयजल संकट जिला मुख्यालय मे सबसे अधिक गंभीर है़. जिले के कई चापाकल से मई माह में ही पानी निकलना बंद होता जा रहा है़. विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिला मुख्यालय में जलस्तर 26 फीट नीचे चला गया है़. विगत सप्ताह 24 फीट पर जलस्तर था़ जिस प्रकार से जलस्तर में गिरावट होता जा रहा है उससे विभाग भी सकते की स्थिति में है़. इन दिनों आदर्श आचार संहिता लागू रहने के कारण विभाग कहीं भी नया चापाकल नहीं लगा सकता है़ इस कारण लोगों की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है़. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय, सप्ता, शंभुआर, ककना, खजुरी, मलंगिया सहित अन्य कई क्षेत्रों में पानी का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है़.
बरैल पर संकट के बादल
जिला मुख्यालय के अलावा खुटौना के बरैल क्षेत्र में पेयजल के लिये संकट के बादल छाये हुए है़ . सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार की स्थिति बरैल में बनती जा रही है़. इससे जून जुलाई माह तक पेयजल के लिये हाहाकार मचेगा़ जलस्तर में हर दिन गिरावट दर्ज की जा रही है़. इस क्षेत्र में डीप लेयर का चापाकल से पानी निकलना बंद होता जा रहा है़.
फस्र्ट लेयर का पानी पीने योग्य नहीं है़. विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस क्षेत्र में मिट्टी का आकार जिस प्रकार की है .उससे यह परेशानी हो रही है़. विभागीय अभियंता का कहना है कि बरैल क्षेत्र में फस्र्ट लेयर के बाद चिकनी मिट्टी है. इस कारण फस्र्ट लेयर का पानी नीचे नहीं जाता है. जबकि दूसरे लेयर या डीप लेयर का पानी लेवल नीचे चला जाता है और डीप लेयर से पानी निकलना बंद हो जाता है़. क्षेत्र के अधिकांश सिंगूर पाइप से पानी नहीं निकल रहा है़. जो स्थिति अभी है उसे देखकर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि आने वाले दिनों में बरैल में पेयजल संकट गंभीर होगा़
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता राम अयोध्या ठाकुर ने बताया कि विभाग इन क्षेत्रों में हर स्थिति पर नजर रखे हुए है़ आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही विभाग समस्या के निदान में जुट जायेगी.