मधुबनी : व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित तत्कालीन किशोर न्यायालय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी अतुलवीर सिंह को धमकी देने के एक मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र प्रसाद के न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त अभिराम यादव एवं मनोज कुमार झा को दफा 467 भादवि में सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अन्य दफा 189,203,209,353, भादवि में दो वर्ष एवं 387,419,468,471 भादवि में तीन साल व 327 एवं 420 भादवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. प्रत्येक को 25000 रुपये जुर्माना भी लगाया है. वहीं इसी कांड की एक महिला अभियुक्त जो मनोज कुमार झा की पत्नी है, उसे भी न्यायालय ने तीन वर्ष की सजा सुनायी है. अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने बहस करते
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प्रधान दंडाधिकारी को धमकी देने के मामले में तीन को सजा
मधुबनी : व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित तत्कालीन किशोर न्यायालय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी अतुलवीर सिंह को धमकी देने के एक मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र प्रसाद के न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्त अभिराम यादव एवं मनोज कुमार झा को दफा 467 भादवि […]
प्रधान दंडाधिकारी को
हुए न्यायालय से अधिक से अधिक सजा की मांग की है. वहीं बचाव पक्ष से नंद किशोर सिंह ने बहस की.
जिला अभियोजन पदाधिकारी के अनुसार 9 अप्रैल 2015 तत्कालीन प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी किशोर न्यायालय परिषद अतुलवीर सिंह को मोबाइल पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बीएन सिन्हा के नाम से फोन कर अभियुक्त अभिराम यादव को जुबेनाइल घोषित करने के बाद भी रिमांड होम नहीं भेजने के मामले में पूछताछ की थी. अभियुक्तों द्वारा न्यायमूर्ति के नाम का सहारा लेकर प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी पर मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव व भय उत्पन्न करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से धमकी देने का आरोप था.
पुलिस अनुसंधान के दौरान बाबूबरही थाना क्षेत्र के सर्रा निवासी मनोज कुमार झा एवं भेजा थाने के टेंगराहा निवासी अभिराम यादव के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था. वहीं मनोज कुमार झा की पत्नी पर मोबाइल सिम देने के मामले में आरोप पत्र दायर किया था. उक्त मामले को लेकर अतुलवीर सिंह प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी किशोर न्याय परिषद द्वारा नगर थाना में प्राथमिक दर्ज करायी गयी थी. इसी कांड के एक अन्य अभियुक्त नीरज साह को साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने रिहा कर दिया.
दो को सात वर्ष सश्रम कारावास व एक महिला को तीन साल की सजा
पटना उच्च न्यायालय का जज बनकर दी थी धमकी
नगर क्षेत्र का मामला, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने सुनायी सजा
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