परिसंवाद. 16 प्रकार के टैक्स को समाहित कर बना जीएसटी
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बैंकिंग सेवा के लिए देना होगा जीएसटी : देवानंद
परिसंवाद. 16 प्रकार के टैक्स को समाहित कर बना जीएसटी टैक्स सुधार का भारत में सबसे बड़ा कानून जीएसटी पर एसबीआइ ने कार्यक्रम का किया आयोजन मधुबनी : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आज के दौर में चर्चा का शब्द बना चुका है. केंद्र सरकार द्वारा एक जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू इस […]
टैक्स सुधार का भारत
में सबसे बड़ा कानून
जीएसटी पर एसबीआइ ने कार्यक्रम का किया आयोजन
मधुबनी : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आज के दौर में चर्चा का शब्द बना चुका है. केंद्र सरकार द्वारा एक जुलाई 2017 को पूरे देश में लागू इस कानून की जानकारी स्वयं ले एवं इसे समाज के हर व्यक्ति को दें. उक्त बातें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के आरबीओ कार्यालय द्वारा आयोजित जीएसटी जागरुकता कार्यक्रम में एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार पोद्दार ने उद्घाटन के मौके पर कही. डीजी होटल के सभागार में आयोजित जीएसटी संवाद कार्यक्रम की हम सराहना करते है. यह भारत में सबसे बड़ा टैक्स सुधार का कार्यक्रम है. जीएसटी में 16 प्रकार के टैक्स को एक में समाहित कर एक प्रकार की कर प्रक्रिया अपनायी गई है.
उन्होंने कहा कि बैंकों एवं व्यवसायों में जीएसटी लागू करने का प्रावधान है. बैंक के सेवा के लिए जीएसटी देना होगा. इन सेवा में विनिमय, ड्राफ्ट, इंटरनेट बैंकिंग नेफ्ट भुगतान, आरटीपीएस सहित अन्य सभी सुविधाओं के लिए जीएसटी देना होगा. वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त देवानंद शर्मा ने कहा कि व्यापारी वर्ग के सुविधा के लिए विभाग सदैव तत्पर रहेगा. जीएसटी कर से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए वे विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर उसका समाधान प्राप्त कर सकते हैं.
जीएसटी संवाद कार्यक्रम में विभाग के पदाधिकारी ओम कुमार सिंहा ने पॉवर प्रजेंटेशन के माध्यम से जीएसटी के प्रकार एवं उनपर लागू टैक्स दरों का विस्तृत उल्लेख किया. कार्यक्रम में स्वागत भाषण शंकर झा, सीए ललित नारायण झा, नंद कुमार मंडल ने सुरेंद्र कुमार, प्रवीण कुमार ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन शिशिर कुमार झा ने दिया
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