शर्मनाक. दो सांसदों का गृह प्रखंड, पर बांस के सहारे हो रही बिजली की आपूर्ति
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सांसदों की हो इनाएत, तो बिजली न बने मौत
शर्मनाक. दो सांसदों का गृह प्रखंड, पर बांस के सहारे हो रही बिजली की आपूर्ति 21 पंचायतों के प्रखंड कुमारखंड के निवासी मधेपुरा व सुपौल लोस सीट के सांसदों की उपेक्षा के कारण यहां के लोगों को बांस-बल्ले के सहारे बिजली जलाने को मजबूर होना पड़ रहा है. अगर सांसदों की नजर-ए-इनाएत हो जाये, तो […]
21 पंचायतों के प्रखंड कुमारखंड के निवासी मधेपुरा व सुपौल लोस सीट के सांसदों की उपेक्षा के कारण यहां के लोगों को बांस-बल्ले के सहारे बिजली जलाने को मजबूर होना पड़ रहा है. अगर सांसदों की नजर-ए-इनाएत हो जाये, तो लोगों को मौत के साये में जीना न पड़े.
कुमारखंड : मधेपुरा जिले का कुमारखंड सबसे बड़ा प्रखंड है. यहां 21 पंचायतों का प्रखंड होने के साथ-साथ मधेपुरा व सुपौल लोस सीट के सांसद का भी आवास है. लेकिन, इस प्रखंड के लोगों को अब भी बिजली की समस्या से निजात नहीं मिल सका है. अब भी लोग बांस के सहारे बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं. इस बाबत लोगों ने विद्युत विभाग के अभियंता अमरनाथ गुप्ता को कई बार खंभे व तार लगवाने की मांग की, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. लोगों ने कहा सैकड़ों बिजली उपभोक्ता बांस के सहारे बिजली तार साठ से सौ मीटर की दूरी तक बांस के सहारे अपने घर तक ले जाते हैं.
इस बारे में जब विभाग के अभियंता अमरनाथ गुप्ता से पूछा तो उन्होंने बताया कि अभी बिजली का खंभा नहीं लगाया जायेगा. लेकिन, बिजली का खंभा लगाने के लिए पहल की जा रही है. रामनगर महेश के वार्ड 11 व 13 में बिजली का तार किसी के मकान पर होकर तो कही फूस के घरों पर लटक रहा है.
बिजली उपभोक्ताओं ने कहा. इस बाबत विजय नाथ झा, निशिकांत झा, मणि कांत झा, उदय कांत झा, रमेश चंद्र झा, अशोक झा, शिवाकर ठाकुर, सुधीर ठाकुर, रूपम झा, रेणु देवी, सुरेंद नाथ झा, विभाकर ठाकुर,जग्नाथ ठाकुर, धीरेन्द नाथ ठाकुर समेत सैकड़ों लोगों ने बताया कि बांस के सहारे बिजली तार के टूटने से कभी भी दुर्घटना होती सकती है. चुनाव के समय में नेता के द्वारा आश्वासन दिया जाता है कि दो महीने में बिजली की सभी समस्या को दूर किया जायेगा. लेकिन होता कुछ भी नहीं है. सभी ने कहा कि कई वर्ष विभागीय लापरवाही के कारण अब तक पोल नहीं लग पाया है. जब बिजली के चपेट में आने से किसी की मौत हो जायेगी तब प्रशासन से लेकर बड़े बड़े नेता पहुंचेगे. लेकिन उससे पहले इसे दुरुस्त करने के लिए कोई पहल नहीं करेंगे.
आश्वासन तक ही रहती है प्रतिनिधियों व अधिकारियों की बात
ग्रामीणों ने कहा कि जब हमलोग सड़क जाम, धरना या अनशन करते हैं. अधिकारी आते हैं और कहते हैं कि एक महीने, 24 घंटे, 15 दिन, एक सप्ताह आदि का आश्वासन दे कर जाम खत्म करवा देते है. लेकिन स्थिति जस की तस पड़ी रहती है. वही जब चुनाव आता है तो नेता व जनप्रतिनिधि के द्वारा तीन से चार महीने में पूरे गांव को बिजली की समुचित कार्य करवाने की ठेका ले लेती है. लेकिन चुनाव जीतने के बाद प्रखंड के एक बार जनता एवं आम जनों को देखने भी मुनासिब नहीं समझता है. बिजली वायर भी कमजोर हो गये है. कभी भी सॉट सर्किट होने लगता है. वहीं रामनगर महेश वार्ड 13 निवासी भोलन कुमार झा ने कहा कि मेरे मकान पर होकर बिजली का तार इस प्रकार पीछे गया है कि छत पर जाना दूर्लभ हो गया है.
अपनी इस समस्या को लेकर बिजली विभाग का चक्कर लगा रहे. इसी प्रकार वार्ड 11 के विजय नाथ झा, निशिकांत झा, ने कहा कि बांस के सहारे बिजली का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन विभाग सिर्फ बिजली बिल वसूली तो कर रहे लेकिन विभाग के द्वारा सालों बाद भी बिजली पोल तथा वायरिंग नहीं करवाया गया है. लोगों ने कहा कि विभाग जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो सड़क जाम समेत अन्य कार्य किये जायेंगा. और यह तब तक चलता रहेगा जब तक कि कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता.
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