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नल में जल नहीं, मुख्यमंत्री के वार्ड भ्रमण पर अब संशय

जिला मुख्यालय में शुद्ध पेयजल की जलापूर्ति पर सालों से लगा है ग्रहण मधेपुरा : जिला मुख्यालय में नल का जल अब तक लोगों को मयस्सर नहीं है. 70 के दशक में बना जलमिनार बस देखने की स्मारक है और नये बन रहे जल बन रहे जलमिनार अर्द्ध निर्मित है. इस परिस्थिति में मुख्यमंत्री की […]

जिला मुख्यालय में शुद्ध पेयजल की जलापूर्ति पर सालों से लगा है ग्रहण

मधेपुरा : जिला मुख्यालय में नल का जल अब तक लोगों को मयस्सर नहीं है. 70 के दशक में बना जलमिनार बस देखने की स्मारक है और नये बन रहे जल बन रहे जलमिनार अर्द्ध निर्मित है. इस परिस्थिति में मुख्यमंत्री की प्रस्तावित निश्चय यात्रा के दौरान आखिरकार सीएम किस वार्ड का भ्रमण कर अपने निश्चय को क्रियान्वित होते देंखेगे. यह यक्ष प्रश्न खड़ा हो रहा है. हालांकि नगर परिषद द्वारा जोर शोर से एक वार्ड को फोकस कर तैयारी की जा रही है. लेकिन नल का जल के अभाव में सीएम के वार्ड भ्रमण पर संशय के बादल है.
70 के दशक में बिछी थी पाइप लाइन. ऐसा नहीं है कि मधेपुरा शहर में शुद्ध पेय जला आपूर्ति की कोई योजना नहीं बनायी गयी. जानकार बताते हैं कि सन 1970 के दशक में मधेपुरा में पेय जल आपूर्ति योजना लागू की गयी. मधेपुरा तब लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का मुख्यालय पूर्णिया ही था. सदर अस्पताल के निकट जल मीनार बनाया गया. पाइप भी बिछाया गया. लेकिन इन पाइपों में पानी प्रवाहित नहीं हो पाया.
इस दौरान पीएचइडी की ओर से जल मीनार संचालन के लिए कर्मचारी की नियुक्ति भी की गयी. वे लोग जल मीनार प्रक्षेत्र में ही रह भी रहे थे. जलापूर्ति की बाट जोहते जोहते शहर वासी इसकी बात भूल गये. हालिया दिनों में जिला प्रशासन द्वारा जलमिनार परिसर में अतिक्रमण को खाली कराया गया है. तत्काल इसके बेरिकेटिंग भी की गयी है.
किसी ने नहीं देखा जलमीनार से पानी निकलते. मधेपुरा में पानी टंकी चौक तो सब जानते हैं लेकिन इस टंकी से पानी निकलता शायद ही किसी ने देखा हो. इसके बारे में शहर के रहमान गंज निवासी शहनवाज शमीम कहते हैं कि पानी टंकी बचपन से ही देख रहे हैं. परंतु इससे कभी पानी निकला. हमेशा यह लैंड मार्क के तौर पर उपयोग किया जाता है. शहर के आनंद विहार मोहल्ले के निवासी अमरेश कुमार ने बताया कि पब्लिक को शुद्ध पानी पिलाना सरकार का दायित्व है.
लोग लौह युक्त पानी पीते हैं. इसके कारण तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है. नप क्षेत्र के वार्ड संख्या 25 निवासी रोशन राज ने बताया कि सप्लाई का पानी पीना मधेपुरा वासियों के लिए सपने से कम नहीं. प्रशासन को इस ओर अविलंब ध्यान देना चाहिए. वहीं रहमानगंज के ही मो मसकुल ने बताया कि शुद्ध पानी तो सबके लिए जरूरी है लेकिन प्रशासन एवं सरकार को इसकी तनिक भी सुध नहीं है. मसजिद चौक निवासी मो सरफराज ने कहा कि सरकार ने आम लोगों को शुद्ध पेय जल मुहैया कराने के लिए जलापूर्ति योजना शुरू की थी.
लेकिन दुख की बात है कि लोग दूषित जल पी रहे हैं. आदर्शनगर में रहने वाले ज्योतिष कुमार ने बताया कि सप्लाई पानी से ही क्या हो जायेगा. अन्य जगहों पर जहां पानी टंकी से जल की आपूर्ति की जा रही वहां पानी दूषित ही है. गोसाय टोला निवासी सद्दाम ने बताया कि मधेपुरा शहर में वह 26 साल के हो गये लेकिन पानी टंक से अब तक पानी की सप्लाई होती नहीं देखी.
चापाकल का पानी ही सब पीते हैं. बड़े लोग तो अपने घरों में मशीन लगवा लेते हैं. लेकिन गरीब तो चापाकल पर ही निर्भर हैं. वार्ड नंबर दो के निवासी गजेंद्र राम ने बताया कि जब वह किशोरावस्था में थे तो कुछ दिनों के लिए जलापूर्ति हुई थी. लेकिन क्यों बंद हुआ और क्यों नहीं दुबारा शुरू हुआ, इसकी जानकारी नहीं.
सफेद हाथी बन कर खड़ा है जिला मुख्यालय में जलमीनार.
नगर परिषद के हर वार्ड एवं हर घर में मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत नल का जल पहुंचे इसकी कवायद शुरू हो चुकी है. शहर में दो जलमीनार तत्काल निर्माणाधीन है. वहीं पुराना जलमीनार हस्तगत नहीं हुआ है. हर वार्ड में वार्ड सभा कर जलमीनार बनाने के प्रस्ताव पर राय लेकर कार्य किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निश्चय को धरातल पर उतारने में नगर परिषद अपनी पूरी भूमिका का निर्वाह करेगा.
डाॅ विशाल कुमार बबलू, मुख्य पार्षद मधेपुरा.
नगर परिषद को पुराना जलमीनार हस्तगत नहीं कराया गया है. तत्काल दो जलमीनार का निर्माण कार्य प्रगति पर है. वार्ड नंबर एक से वार्ड छह के लिए पीएचडी परिसर में तथा वार्ड 13 से वार्ड 18 नंबर तक के लिए स्टेडियम के बगल में जलमीनार बन रहा है. शेष वार्डों में पंपिंग स्टेशन बनाकर जलापूर्ति की जायेगी. इसके लिए 250/500/750/1000/1500 परिवार पर जलमीनार बनाया जायेगा. इस बाबत वार्ड सभा से प्रस्ताव पारित कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है. इन योजनाओं का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री हर घर नल का जल निश्चय योजना के मद में प्राप्त राशि से किया जायेगा.
मनोज कुमार पवन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद

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