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अतिक्रमण की गर्त से सिंहेश्वर की चमक फीकी

मंदिर के आसपास के रोड पर अतिक्रमण होने से हो रही परेशानी सिंहेश्वर : कहते हैं कि विकास धीरे-धीरे होता है. लेकिन जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर के संदर्भ में यह उलटा सा लगता है. स्थानीय लोगों की कार्यशैली, प्रशासनिक उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की लूट नीति के कारण यह नगरी धीरे-धीरे अपनी चमक खोती जा […]

मंदिर के आसपास के रोड पर अतिक्रमण होने से हो रही परेशानी

सिंहेश्वर : कहते हैं कि विकास धीरे-धीरे होता है. लेकिन जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर के संदर्भ में यह उलटा सा लगता है. स्थानीय लोगों की कार्यशैली, प्रशासनिक उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की लूट नीति के कारण यह नगरी धीरे-धीरे अपनी चमक खोती जा रही है. गंदगी से भरी नाली, कूड़ेदान बनी सड़क और हर तरफ अतिक्रमण, कमोबेश सिंहेश्वर की यही पहचान बनती जा रही है.
सिंहेश्वर मंदिर के आसपास के रोड बुरी तरह अतिक्रमण की चपेट में है. इसके कारण बारह फीट की सड़क महज छह फीट की हो कर रह गयी है. एक ओर तो सड़क पर ही दुकानें लगायी जा रही है वहीं दूसरी ओर से दुकानदारों ने सड़क तक अपनी दुकानें बढ़ा ली है. उपर से इन दुकानों में आने वाले खरीदार दुकानों के आगे गाड़ी खड़ी करते हैं. इसके बाद तो एक मोटरसाइकिल को गुजरने में भी काफी परेशानी होती है.
यहां पहुंचने वाले लोग बताते हैं कि पहले यह सड़क काफी चौड़ी हुआ करती थी. मंदिर को रोड नंबर 18 से जोड़ने वाली सड़क जो सत्तू गली या रमैया रोड के नाम से जाना जाता है, उस सड़क से गुजरना तो अपने-आप में चुनौती है. दोनों ओर से दुकानें सड़क के किनारे बनी नालियों के ढक्कन तक बढ़ा ली गयी है. अच्छी खासी चौड़ी यह सड़क सचमुच गली ही बन गयी है. एक सड़क सत्तू गली से निकल कर गुदरी हाट के पास रोड नंबर 18 से जुड़ती है. इस सड़क पर बीचो बीच बनाया गया नाला और उस पर लगा ढक्कन कभी भी बड़े हादसे को जन्म दे सकता है.
सत्तू गली में जहां यह रोड निकलती है वहां हमेशा नाला का पानी जमा रहता है. यह सड़क भी अतिक्रमण की चपेट में है. इसके बारे में अधिकारियों का वही रटारटाया जवाब होता है कि कार्यवाही की जायेगी. लेकिन होता कुछ नहीं है. जो शहरवासी साफ सुथरा रहते हैं और अपने आसपास के इलाके को भी स्वच्छ रखना चाहते हैं, उन्हें तो यह स्थिति खलती है और कुछ न होने पर वे खुद को सिंहेश्वर का निवासी होने पर शर्मिंदगी महसूस करते हैं.

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