सांसद आदर्श ग्राम योजना
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अधिकारियों की उपेक्षा की भेंट चढ़ गया बालम गढिया
सांसद आदर्श ग्राम योजना मधेपुरा : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मधेपुरा जिले के सदर प्रखंड के बालम गढिया पंचायत को राज्य सभा सांसद शरद यादव द्वारा गोद लिया गया है. बालम गढिया पंचायत में मुख्य तौर पर 14 वार्ड और पांच गांव शामिल है. जिसमें बालम, गढिया, श्रीपुर, चकला और चंदन पुर मुख्य […]
मधेपुरा : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मधेपुरा जिले के सदर प्रखंड के बालम गढिया पंचायत को राज्य सभा सांसद शरद यादव द्वारा गोद लिया गया है. बालम गढिया पंचायत में मुख्य तौर पर 14 वार्ड और पांच गांव शामिल है. जिसमें बालम, गढिया, श्रीपुर, चकला और चंदन पुर मुख्य है. अधिकारियों की काहिली की वजह से आदर्श सांसद ग्राम योजना का सही तरीके से लाभ इस पंचायत को नहीं मिल सका. हालांकि एक अच्छी पहल यह मानी जा सकती है कि इस पंचायत अधिकांश गांव करीब – करीब खुले में शौच से मुक्त होने के दिशा में अग्रसर है.
पंचायत के सभी वार्ड के विकास के लिए जिलास्तरीय पदाधिकारी वार्डवार , नोडल पदाधिकारी बनाये गये है. तब भी पंचायत अपेक्षित विकास से महरूम है. पंचायत के मुख्य सड़कों पर जल जमाव की समस्या है. वहीं विद्यालय भवन हीन है और स्वास्थ्य केंद्र कागजों पर सिमटा रह गया. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर फोकस कर काम करना है. बालम गढिया पंचायत में तीन मध्य विद्यालय, एक हाइस्कूल एवं छह नवसृजित प्राथमिक विद्यालय हैं. इनमें से सभी छह नवसृजित प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च विद्यालय भवन हीन है.
वहीं तीनों मध्य विद्यालय में पढाई, मध्यान भोजन तथा स्वच्छता का स्तर बेहतर नहीं है. हाइ स्कूल में भवन निर्माण के लिए साल भर पूर्व संवेदक नीव की खुदाई कर थोड़े बहुत छड़ बांध कर एक वर्ष से लापता है. वहीं नव सृजित प्राथमिक विद्यालय में भवन निर्माण के लिए चार विद्यालय की राशि वापस हो गयी है. विद्यालय के लिए जमीन की व्यवस्था संबंधित पदाधिकारी द्वारा करने की पहल नहीं करने के वजह से सभी छह विद्यालय भवन हीन एवं भूमिहीन होकर रह गये है. इन विद्यालयों में से तीन नवसृजित विद्यालय तथा हाइस्कूल के शिक्षक मध्य विद्यालय बालम गढिया के प्रांगण से अपने विद्यालय का संचालन करते है. जबकि बचे हुए तीन नवसृजित विद्यालय, श्रीपुर स्थित मध्य विद्यालय के प्रांगण में अपने विद्यालय का संचालन कर रहे है. किसी जमाने में खेल से लेकर पढाई तक में खासी दखल रखने वाला मध्य विद्यालय बालम एवं श्रीपुर अभी पिछड़ रहा है. इस पर भी अधिकारियों को ध्यान देकर कार्य करना होगा. जबकि बालम गढिया तथा श्रीपुर में उप स्वास्थ्य केंद्र महज कागजों में ही सिमटा हुआ है. दोनों स्थान पर जमीन की व्यवस्था नहीं रहने के कारण अब तक उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं बन सका है. इस केंद्र के नाम पर प्रतिनियुक्त डॉक्टर एवं नर्स भी बालम गढिया का रूख नहीं करते है. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित होने के तुरंत बाद थोड़े दिन तो डॉक्टर मध्य विद्यालय के प्रांगण में बैठ कर उप स्वास्थ्य केंद्र चलाये.
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