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नियमों का पालन नहीं करते चिमनी भट्ठा मालिक

नियमों का पालन नहीं करते चिमनी भट्ठा मालिक प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज अनुमंडल के विभिन्न भागों में चल रहे दर्जनों ईंट चिमनी भट्ठा मालिक द्वारा विभागीय प्रावधान को ताक पर रख कर ईंट पथारी का काम शुरू कर दिया गया है. इससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. अनुमंडल के सभी छह प्रखंडों […]

नियमों का पालन नहीं करते चिमनी भट्ठा मालिक प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज अनुमंडल के विभिन्न भागों में चल रहे दर्जनों ईंट चिमनी भट्ठा मालिक द्वारा विभागीय प्रावधान को ताक पर रख कर ईंट पथारी का काम शुरू कर दिया गया है. इससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. अनुमंडल के सभी छह प्रखंडों में करीब तीन दर्जन ईंट चिमनी भट्ठा संचालित है लेकिन एक भी भट्ठा मालिक विभागीय प्रावधान का पालन नहीं किया करते हैं. यह है प्रावधान ईंट भट्ठा की दूरी रोड से दो सौ मीटर होनी चाहिए. चिमनी की उंचाई 110 फीट विभाग से निर्धारित है. उद्योग विभाग और श्रम विभाग से भट्ठा का निबंधन करवाना अनिवार्य है. इतना ही नहीं न्यूनतम मजदूरी दर कानून पर अमल किया जाना भट्ठा मालिकों का मुख्य दायित्व है. भट्ठा पर काम करने वाले मजदूरों का दुर्घटना बीमा भट्ठा मालिक द्वारा करवाया जाना. बिक्री और वाणिज्य कर चुकाना अनिवार्य है. पर्यावरण विभाग से एनओसी लेकर भट्ठा चलाया जा सकता है. इसके अलावे ईंट भट्ठा के बाहर बोर्ड लगाना और उस पर लाइसेंस नंबर, लेवर लाइसेंस नंबर समेत अन्य सभी जानकारियां अंकित करना भट्ठा मालिकों के लिए अनिवार्य है, लेकिन इसमें से एक भी नियम का पालन भट्ठा मालिकों द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसके लिए विभागीय पदाधिकारी के साथ – साथ जिला प्रशासन को भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है. सरकारी जमीन का किया जा रहा उपयोगप्रशासन की अनदेखी के चलते ही सभी ईंट चिमनी भट्ठा मालिकों द्वारा एनएच 106 पीडब्लुडी व सरकार की अन्य जमीन का उपयोग किया जा रहा है. प्रशासन भी उसे देख रही है. लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती है. आबादी के पास संचालित है भट्ठा घनी आबादी के निकट ईंट चिमनी भट्ठा पर्यावरण के दृष्टिकोण से संचालित नहीं किया जा सकता है. लेकिन इस नियम का भी पालन भट्ठा मालिकों द्वारा नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण चिमनी से उठें धुआं से मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पर रहा है. फलन कम, फसलें बरबाद ईंट चिमनी भट्ठा की ऊंचाई 110 मीटर नहीं रहने के कारण फलदार वृक्षों तथा अन्य फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. फलदार वृक्षों में कम फलन हो रहा है. तथा अन्य फसलों को भी नुकसान हो रहा है. चूंकि धुआं के कारण ऐसा हो रहा है. इतना ही नहीं भट्ठा मालिकों द्वारा प्रावधान का पालन नहीं किये जाने के कारण बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान राज्य सरकार को उठाना पड़ रहा है. ईंट निर्माण में बालू का भी उपयोग किया जाता है. लेकिन एक भी भट्ठा मालिक बालू उत्खनन पैक्स सरकारी खजाने में जमा नहीं कर रहे है. इस तरह ऐसे ईंट चिमनी भट्ठा मालिकों द्वारा सरकारी राजस्व की चोरी की जा रही है.

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