चुनावी मुद्दा बन सकता है घैलाढ़ प्रखंड में बिजली – दर्जनों पंचायत में नेताओं के वादे फुस, कागजों पर सिमट कर रही गयी सरकारी योजना की घोषणा– प्रतिनिधि, घैलाढ़ विधान सभा के पांचवें चरण के पांच नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर सियासी मैदान में उम्मीदवार अपनी अपनी पूरी ताकत के साथ रात दिन एक कर दिये है. उम्मीदवारों द्वारा अपने बड़े – बड़े वादे जात – जमात, मायावी बात, लुभावने सपने के साथ – साथ बिजली सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, शुद्ध पेय जल आदि अनेक कार्यों की गिनती कराते हुए वोटरों से बात कर रहे हैं. लेकिन घैलाढ़ प्रखंड के नौ पंचायत के आधे से अधिक गांव- टोले में आजादी के बाद से आज तक डिबरी युग में जी रहे है. जहां तक कि चुनावी आश्वासन के बाद गांव व टोले के लोग पांच साल तक जरूर बिजली आने का बाट जौहते है. जहां तक प्रखंड के परमानपुर, जागिर, चकला, पथराहा आदि दर्जनों सड़कें आज तक 25 हजार आबादी भी उबड़ खाबड़, कच्ची सड़क के उड़ती धूल , बरसात के दिनों कीचर से होकर गुजरने को विवश है. यहां के अधिकांश लोग खेती पर ही निर्भर है. चुनावी सियासी के समय किसानों की हक की बात की जाती है. लेकिन किसानों के खेतों में पानी के लिए नहर में समय पर पानी नहीं आना सबसे विकट समस्या है. जहां तक पहले केनाल (नाला) का निर्माण कराया गया था. आज वह खेतों में समा गया. कुछ दिन पूर्व नहरों की उराही की गयी. बसर्ते खेतों से ज्यादा गहराई नहर की हो गयी. जिससे कृषि पर निर्भर करने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पर रहा है. ऐसे में लुभावने वादे करने वाले प्रत्याशियों से जागरूक मतदाता सवाल करने से नहीं चुक रहे हैं.
BREAKING NEWS
चुनावी मुद्दा बन सकता है घैलाढ़ प्रखंड में बिजली
चुनावी मुद्दा बन सकता है घैलाढ़ प्रखंड में बिजली – दर्जनों पंचायत में नेताओं के वादे फुस, कागजों पर सिमट कर रही गयी सरकारी योजना की घोषणा– प्रतिनिधि, घैलाढ़ विधान सभा के पांचवें चरण के पांच नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर सियासी मैदान में उम्मीदवार अपनी अपनी पूरी ताकत के साथ रात दिन […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement