पूर्णिया/ मधेपुरा. जिला मुख्यालय में गरीबी और बेबसी की चक्की में मासूम बचपन पिस रहा है. सैकड़ों बच्चे मां-बाप और स्कूल से दूर बाल मजदूर बन बियर बार में बियर परोस रहे हैं, तो कहीं होटलों में लोगों की जूठन उठाने और जूठन पर पलने को मजबूर हैं. इस स्याह सच का खुलासा रविवार को उस समय हुआ, जब पुलिस अधीक्षक निशांत कुमार तिवारी की ओर से गठित विशेष पुलिस टीम ने अलग-अलग जगहों से 24 बाल मजदूरों को मुक्त कराया. टीम का नेतृत्व सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनोज कुमार कर रहे थे.
मुस्कान कार्यक्रम के तहत हुई कार्रवाई
राज्य सरकार की ओर से बाल मजदूरी के चक्र व्यूह में फंसे 14 वर्ष एवं उससे कम आयु के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने और शोषण से बचाने के उद्देश्य से मुस्कान कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में पहली बार सीधे तौर पर पुलिस को जोड़ा गया है. पुलिस को ही बाल मजदूरों को मुक्त कराने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
बियर बार व होटलों से मुक्त हुए बाल मजदूर
रविवार को चलाये गये अभियान में मरंगा स्थित बियर बार व बस स्टैंड स्थित कई होटलों से बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया. इसके अलावा होटल ट्रिपल, होटल स्वर्णदीप, मां काली होटल, माफा होटल, राजश्री स्वीट्स आदि से भी बच्चे मुक्त कराये गये. वहीं बस स्टैंड के इर्द-गिर्द ठेला पर चलने वाले होटल, मधुबनी स्थित मिठाई दुकान, लिट्टी दुकान, दही-चूड़ा दुकान और जूते की दुकान से भी बाल मजदूर मुक्त हुए. इसके अलावा कई गाड़ी पर काम करने वाले बाल खलासी भी मुक्त कराये गये. इन बाल मजदूरों को कराया गया मुक्त: विशेष अभियान में गया के छोटू मुनी (12 वर्ष), लाइन बाजार के सोनू (13), बिहारीगंज के छोटू(13), बिहारीगंज के लालू(10), बिहारीगंज के पवन(13), बड़हरा कोठी के लाल बहादुर(14), बस स्टैंड के गौतम(10), अररिया के अमर(12), बड़हरा कोठी के मंटू(14), फलका के कपिल(12), कदवा के उत्तम(12), केनगर के राजा(14), केनगर के आकाश(14), मीरगंज के अवधेश(10), मीरगंज के नंदन(14), मीरगंज के सुभाष(14), मरंगा के गौतम(14), सीतामढ़ी के रामकुमार(10), मीरगंज के आंशिक (12), सिपाही टोला के शमशेद(14), चूनापुर के प्रिंस(10), खजांची हाट के मो तबरेज(13), अररिया के मंटू मरांडी(14) और रौतारा के छोटू पासवान(14) शामिल हैं. इन सभी 24 बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया गया है, जहां आगे की कार्रवाई की जा रही है.