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नेशनल हाइवे 106: हवा हवाई ही रहा हाइवे का दावा
रूपेश कुमार मधेपुरा : कोशी, मिथिलांचल के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल का अंग क्षेत्र व झारखंड से संबंधों में प्रगाढ़ता लाए जाने के उद्देश्य से 12 वर्ष पूर्व वीरपुर-वीहपुर मार्ग को एनएच-106 के रूप में परिणत किया गया था, लेकिन शिलान्यास के 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद एनएच का निर्माण नहीं होने से जिला […]
रूपेश कुमार
मधेपुरा : कोशी, मिथिलांचल के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल का अंग क्षेत्र व झारखंड से संबंधों में प्रगाढ़ता लाए जाने के उद्देश्य से 12 वर्ष पूर्व वीरपुर-वीहपुर मार्ग को एनएच-106 के रूप में परिणत किया गया था, लेकिन शिलान्यास के 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद एनएच का निर्माण नहीं होने से जिला सहित उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र उपेक्षित है.
विश्व बैंक के पैसे से निर्मित होने वाले इस सड़क को लेकर विभाग के पास प्लान है, लेकिन शीघ्र क्रियान्वयन के आसार नजर नहीं आते. वहीं विश्व बैंक की टीम ने सर्वेक्षण में दस किमी लंबे पुल की जरूरत बतायी लेकिन विभाग के पास साढ़े चार किमी पुल बनाने की योजना है. फिलवक्त लंबे से समय से प्रतीक्षित और कोसी प्रलय के दौरान लाइफ लाइन बनी इस सड़क के पूर्णत: राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दील होने का इंतजार मधेपुरा तथा सुपौल जिले के हर व्यक्ति को है.
शरद यादव ने किया था शिलान्यास : पांच जुलाई 2001 को तत्कालीन एनडीए सरकार के भूतल परिवहन राज्य मंत्री भुवन चंद्र खंडुरी के उपस्थिति में भारत सरकार के नागरिक एवं उड्डयन मंत्री सह स्थानीय सांसद शरद यादव ने जिला मुख्यालय के बीपी मंडल चौक पर उक्त मार्ग का शिलान्यास किया था. इस शिलान्यास समारोह में राजद सरकार के मंत्री व विधायक भी उपस्थित थे.
उद्देश्य न हो सका पूरा : इस मार्ग के एनएच में परिवर्तन किये जाने के पीछे तत्कालीन सरकार की मंशा थी कि अंग क्षेत्र का कोशी, मिथिलांचल के बीच सीधा संबंध स्थापित हो सके तथा इन इलाकों की दूरियां भी कम हो सके. इसके अलावा नेपाल की सीमा तक पहुंचने के कारण इस सड़क का सामरिक महत्व भी है. इस सड़क के निर्माण से जहां क्षेत्र को विकास का नया आयाम मिलेगा. वहीं बेरोजगारों को रोजगार भी, लेकिन सपना पूरा होने से पूर्व ही टूटकर बिखरता नजर आ रहा है.
विश्व बैंक के कर्ज से होना है निर्माण: जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 के नवंबर माह में विश्व बैंक की सहायता से देश के 33 और राज्य के सात राष्ट्रीय राजमार्गो को टू – लेन में परिवर्तित किया जाना है, जिसमें कोशी क्षेत्र के एनएच-106 भी शामिल है. इसे लेकर विश्व बैंक की टीम ने विभागीय अधिकारी के साथ नाव से कोसी नदी पार कर भागलपुर जिले के बिहपुर तक का सफर कर जायजा लिया था.
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