आलमनगर : प्रखंड क्षेत्र में आयी विनाशकारी बाढ़ से हुए फसल क्षति मुआवजे से वंचित रखने से खासकर जिन किसानों ने कृषि ऋण लिया है उन्हें फसल क्षति से नाम काटे जाने पर किसानों में आक्रोश व्याप्त है.
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फसल क्षति मुआवजे से वंचित किसानों में आक्रोश
आलमनगर : प्रखंड क्षेत्र में आयी विनाशकारी बाढ़ से हुए फसल क्षति मुआवजे से वंचित रखने से खासकर जिन किसानों ने कृषि ऋण लिया है उन्हें फसल क्षति से नाम काटे जाने पर किसानों में आक्रोश व्याप्त है. गौरतलब है कि प्रखंड के सात पंचायत को पूर्णरूपेण सहित सात पंचायत को आंशिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र […]
गौरतलब है कि प्रखंड के सात पंचायत को पूर्णरूपेण सहित सात पंचायत को आंशिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने के बावजूद किसानों को फसल क्षति मुआवजा में जहां कृषि विभाग द्वारा किसानों के दिये गये फसल क्षति के आवेदन में जो रकवा दिया गया था व खेतों में लगी धान की फसल भी पूर्णत: क्षति हो जाने के बावजूद किसानों द्वारा दिये रकवा को काटकर फसल क्षति का रकवा आधा से भी कम कर रिपोर्ट देने के कारण किसानों को फसल क्षति नाम मात्र दिया जा रहा है. जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है. इस बाबत किसान रामवतार चौधरी, रिंटू मिश्र, लड्डु सिंह सहित ने बताया कि पांच एकड़ का जमीन रसीद सहित पदाधिकारियों द्वारा जांच भी किया गया, लेकिन कृषि विभाग द्वारा मात्र एक या दो एकड़ का ही फसल क्षति का रिपोर्ट दिया गया है.
साथ ही किसान राजीव रंजन सिंह, पंकज कुमार आदि का कहना है कि कृषि ऋण लेने वाले किसान फसल क्षति हो जाने के कारण खुद परेशान है. उसपर से फसल क्षति से उन्हें वंचित किया जा रहा है. जबकि बैंक द्वारा आजतक बीमा की राशि नहीं दी जाती है. वही इस बाबत जिला आपदा पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि कृषि ऋण लेने वाले का बीमा बैंकों से कराया गया है. इस बाबत जिला सहकारिता पदाधिकारी से बात करने के बाद उनके द्वारा बैंक पर दवाब बनाया जायेगा. वहीं भारतीय स्टेट बैंक आलमनगर के प्रबंधक विश्वनाथ राम ने बताया कि छह सौ 44 किसान जो मेरे शाखा से कृषि ऋण लिये है उनका विवरण दिया गया है.
पूछने पर उन्होंने बताया कि जिन किसानों का कृषि ऋण खाता सही रूप से चलाया जा रहा है. उसका बीमा हुआ है जो डिफोल्डर है उनका बीमा नहीं है. फसल क्षति के बाबत बताया कि वह सरकार का काम है घोषणा होगी लिखित आयेगा, तब देखा जायेगा. इस तरह तो किसान न हीं घर का रहा और न हीं घाट का कहानी चरिर्ताथ होती है. बाढ़ से त्रस्त किसान जो अपना ऋण भी चुकता नहीं कर पाये है. ऐसे में सरकार द्वारा उन्हें फसल क्षति से वंचित करने पर किसानों में भारी आक्रोश है. किसानों का कहना है. जिला पदाधिकारी पहल कर बैंक से या आपदा मद से उनका हुए फसल क्षति का मुआवजा दिलाये जिससे किसानों के समक्ष आयी समस्या से निजात पा सके.
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