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शहर में खोज, गांव में हो रही हत्या

दहशत . मुंशी की हत्या के बाद हरणी-बेलखरी के लोगों में दहशत मुंशी हत्याकांड रविवार की रात हरणी-बेलखरी गांव के समीप सड़क निर्माण करा रहे राजकुमार कंस्ट्रक्शन के मुंशी संजय पाण्डेय की हत्या के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ओर पुलिस नक्सलियों को शहरों में खोज रही है, दूसरी ओर […]

दहशत . मुंशी की हत्या के बाद हरणी-बेलखरी के लोगों में दहशत

मुंशी हत्याकांड
रविवार की रात हरणी-बेलखरी गांव के समीप सड़क निर्माण करा रहे राजकुमार कंस्ट्रक्शन के मुंशी संजय पाण्डेय की हत्या के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. एक ओर पुलिस नक्सलियों को शहरों में खोज रही है, दूसरी ओर गांव में हत्या का दौर जारी है.
चकाई : प्रखंड क्षेत्र का जंगली भाग नक्सलियों के लिए सेफ जोन बन गया है़ बिहार-झारखंड की सीमा पर अवस्थित होने के कारण नक्सली प्रखंड में बड़ी से बड़ी घटना को अंजाम देकर अासानी से अपना ठिकाना बदल कर सेफजोन में पहुंच जाते हैं. बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों लोगों की निर्मम हत्या नक्सलियों द्वारा गला रेत कर की गयी है. घटना के बाद संगठन के द्वारा मृतकों के खिलाफ मुखबिरी का आरोप लगाया गया है.
प्रखंड क्षेत्र का अधिकतर भाग पहाड़ व जंगलों से घिरे होने का लाभ नक्सलियों द्वारा उठाया जाता है. संगठन के सदस्य घटना को अंजाम देकर आराम से जंगल की ओर निकल लेते हैं. नक्सलियों के कारनामे से क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है़ लोगों की मानें तो शहरी क्षेत्र में पुलिस की बढ़ती सक्रियता से बैकफुट पर आये नक्सली ग्रामीण क्षेत्रों के निर्दोष व असहाय लोगों पर कहर बरपाना शुरु कर दिया है. आंकड़ों के अनुसार प्रखंड में मुखबिरी के आरोप में सात अप्रैल 2000 को बामदह निवासी चौकीदार बासो पासवान की हत्या नक्सलियों द्वारा की गयी थी. दिसंबर वर्ष 2003 में ठाठी निवासी बिपीन राय की हत्या, नौ अक्तूबर वर्ष 2007 में बामदह निवासी उमेश वर्णवाल व समीर वर्णवाल की हत्या, 28 अगस्त वर्ष 2008 में बामदह निवासी व व्यवसायी विशुनदेव साह, प्रो शुकदेव साह की हत्या, वर्ष 2009 में ठाढ़ी निवासी कारू पासवान की हत्या, 20 दिसंबर वर्ष 2010 में नौकाडीह बिसोदह गांव निवासी राजेश राणा की हत्या, 12 दिसम्बर वर्ष 2011 को ठाढ़ी पंचायत के मुखिया लालमोहन यादव की हत्या, 27 नवम्बर 2012 को 30 वर्षीय अज्ञात युवक की हत्या, 16 अगस्त 2012 में चौफला गांव निवासी अपेश्वर दास की हत्या, 26 जुलाई 2012 में ठाढ़ी गांव निवासी श्यामसुन्दर यादव उर्फ ढालु यादव की हत्या,13 फरवरी वर्ष 2013 में चरघरा गांव के निकट एक युवक की हत्या, दिसंबर वर्ष 2015 में चिहरा धमना गांव में नक्सली विवेका यादव की हत्या, 22 मई 2016 में बोंगी पंचायत के गादी गांव निवासी टीपन मंडल व झारखंड देवरी के भेलवा घाटी थाना का एसपीओ मुकेश राय व भेलवा घाटी थाना का चौकीदार योगेन्द्र तुरी की हत्या, वर्ष 2016 में ही 13 जुलाई को बोंगी पंचायत के सिमराढ़ाब गांव के बाहर जंगल के किनारे नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप में सिमराब गांव निवासी महेन्द्र राय, कुख्यात अपराधी थानु दास व चहबच्चा निवासी जिवलाल पासवान की भी हत्या व 29 जनवरी को वर्ष 2017 संजय पांडेय नामक सड़क निर्माण में लगे मुंशी की हत्या किया है. नक्सलियों के कारनामा से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त है. सूत्रों की मानें तो क्षेत्र के लोग अब पुश्तैनी गांव को छोड़ कर अन्यत्र जाने को लेकर विचार करने लगे हैं.

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