सोनो : पूरी तरह टूट चुकी सोनो-खैरा मुख्य मार्ग के सोनो से बलथर तक एक बार पुनः मरम्मती कार्य के तहत सड़क पर गिट्टी व अन्य मेटेरियल डाल कर गड्ढों को भर दिया गया है परंतु इस पर अलकतरा नही डाला गया है परिणामतः वाहनो के गुजरने पर बड़ी मात्रा में धूल उड़ता है.चूंकि यह मुख्य सड़क है और बड़ी संख्या में भारी वाहनों का आवागमन होता है इसलिए धूल का बड़ा गुब्बार हर दो चार सेकेण्ड के बाद उड़ता है.धूल से सड़क किनारे बसे लोगो के अलावे राहगीरों को भी भारी कठिनाई हो रही है. पैदल राहगीर के आलवे साईकिल व मोटरसाइकिल सवार को भी बड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है.
सोनो से बलथर तक के लगभग ढाई-तीन किलोमीटर तक के सड़क का टूटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.हाल में पूरी तरह टूट चुके इस ढाई-तीन किलोमीटर तक के सड़क के गड्ढो को दुर्गा पूजा से पूर्व ही गिट्टी व अन्य मेटेरियल से भर दिया गया परंतु इस पर अलकतरा नही डालने से पूरा इलाका धूल से भरा रहता है. इससे छह माह पूर्व भी टूट गए सड़क की मरम्मती को लेकर ऐसी ही समस्या से लोग रूबरू हुए थे.लोगो के विरोध के उपरांत टूटे भाग पर अलकतरा डाला गया परंतु कुछ ही महीने में स्थिति पुनः पहले जैसी हो गयी व बरसात में सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बन गए थे.
इन्ही गड्ढो व टूटे सड़क पर मेटेरियल डाला गया जिस पर वाहनो के दौड़ते ही पीछे धूल का गुबार उठता है. इस धूल से सर्वाधिक परेशानी सड़क के समीप बसे लोगो को हो रही है.सामान, कपड़े व खाना सभी धूल की भेंट चढ़ जाता है.घर में मरीज, छोटे बच्चों व बूढो को खासी परेशानी हो रही है.इस धूल से लोगो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.यदि शीघ्र इस सड़क का पक्कीकरण नही किया गया तो सड़क किनारे बसे अधिकांश लोग श्वांस व फेफड़े की बीमारी की चपेट में आ जायेंगे.
कई लोग अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है.कहते है चिकित्सक:स्थानीय लाइफ केयर सेंटर के निदेशक डा.एम एस परवाज ने बताया कि इतनी अधिक मात्रा में उड़ती धूल से लोगो के स्वास्थ्य को काफी खतरा है. मुख्य रूप से श्वांस व फेफड़े की बीमारी होगी. ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी लोगो को परेशान कर सकती है.उन्होंने कहा कि लगातार धूल से हृदय संबंधी बीमारी की बड़ी संभावना है. प्रदूषित धूल से डायरिया की भी संभावना है.