सोनोथाना : क्षेत्र के लखनकियारी निवासी ग्रामीण चिकित्सक प्रदीप बर्णवाल की हत्या में उनके पुत्र का ही हाथ था़ पुलिस ने महज चार दिनों में ही इस हत्या कांड की गुत्थियों से परदाउठा दिया है़ घटना के दिन से ही मुख्यालय डीएसपी चंद्रशेखर सिन्हा खुद जांच की मोनिटरिंग कर रहे थे़ थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता पुत्र के रिश्ते को तार तार करते हुए पिता की हत्या उनके छोटे पुत्र अंशुधर ने ही किया था़
उन्होंने बताया कि हत्या की इस घटना को तब अंजाम दिया गया जब एक दिसंबर की दोपहर मे पिता व पुत्र के बीच कहासुनी के दौरान आत्महत्या की धमकी देते हुए प्रदीप ने अपने गले में रबर की रस्सी लपेट लिया था़ दरअसल पिता के साथ झड़प के दौरान अंशुधर ने गिर पड़े अपने पिता के गले में लिपटे रस्सी को आक्रोश में खींच दिया
जिससे दम घूंटने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी़ बाद में अंशुधर ने अपने मंझले भाई प्रभाकर के साथ मिलकर रात्रि में मोटरसाइकिल पर अपने पिता के शव को लेकर रक्त रोहनिया से आगे चिहारो नदी के किनारे खेत में फेंक दिया था
और अगले दिन पिता की खोज का नाटक करते हुए उस स्थान पर पहुंच कर लोगो को पिता के शव के बारे में जानकारी दिया़ पुत्रों ने वैसे दो ग्रामीणों पर हत्या का आरोप लगा कर पुलिस को गुमराह भी करने का प्रयास किया़ परंतु पुलिस को शुरू से ही इस हत्याकांड में मृतक के पुत्रों पर संदेह हो रहा था़ लिहाजा मृतक के पुत्रों से पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ किया
तो पुलिस के आगे वे टिक नहीं सके और हत्या में अपनी संलिप्ता स्वीकार कर लिया़ अंशुधर व उसके भाई प्रभाकर बर्णवाल ने अपने स्वीकरोक्ति बयान में बताया कि जमीन बिक्री की राशि के कारण व अंशुधर की पढ़ाई में हो रहे अत्यधिक खर्च के कारण पिछले दो माह से घर में काफी तनाव था़ इस मुद्दे पर इन दोनों पुत्रों की अपने पिता से कई बार कहासुनी भी हुई़ तनाव में रह रहे
प्रदीप ने आत्महत्या की बात करते हुए रस्सी भी ले आये थे़ मूल रूप से छोटे पुत्र अंशुधर से वे काफी नाराज थे और इसी कारण वे फिछले कुछ दिनों से बेहद मानसिक तनाव में थे़ मंगलवार को वे बिना किसी को कुछ बताये घर से निकले तो थे जरूर परंतु दोपहर में वे वापस आ गए थे़ इसी बीच देवघर से छोटा पुत्र अंशुधर भी घर आ गया था.
जिसे देखते ही प्रदीप पुन: अपना आपा खोने लगे और फिर एक बार घर में दोनों पिता पुत्र में झड़प होने लगी़ पिता ने अपने मोटरसाइकिल से सामान बांधने वाला रस्सी निकाल कर अपने गले में लपेट लिया और आत्महत्या की धमकी देने लगे़ अंशुधर शुरू में तो छुड़ाने का प्रयास किया
परंतु बाद में जब वे छुड़ाने के क्रम में प्रदीप गिर पड़े तब अंशुधर ने गले पर लिपटा रबर की रस्सी को आक्रोश में आकर खींच दिया जससे उनकी दम घूंट गया और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गयी़ पुत्र ने सिर्फ अपने मंझले भाई प्रभाकर को इसकी जानकारी दिया और रात्रि 8 बजे दोनों भाई मिलकर मोटरसाइकिल से पिता के शव को चिहारो नदी के किनारे लावारिश अवस्था में छोड़ आया़ थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक के बैग से छोटे बेटे ने एक सुसाइड लेटर पाया जिसे फाड़ कर उसी जगह फेंक दिया था.
जबकि उनके पॉकेट में भी एक सुसाइड लेटर था जिसे दूसरे दिन प्रभाकर ने पुलिस के आने से पूर्व ही बड़ी चालाकी से पिता की जेब से निकाल लिया था और अपने ही गांव के पिता पुत्र पर हत्या करने का आरोप लगते हुए उनकी गिरफ्तारी के लिए सोनो चौक पर सड़क जाम कर दिया था़ पुलिस द्वारा एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ भी किया था़ इधर पुत्र द्वारा पिता की हत्या किये जाने की खबर से लोग सकते में है़ दोनों पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है़